Delhi Police: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में अब ट्रांसफर (Transfer) या पोस्टिंग (Posting) के लिए राजानितक सिफारिश बिल्कुल नहीं चलेगी. वहीं अगर सिपाही से लेकर विशेष आयुक्त ने मंत्रियों, नेताओं या अन्य बाहरी लोगों से सिफारिश लगवाने की कोशिश की तो फिर उनकी खैर नहीं. दरअसल दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) ने नए निर्देश जारी कर दिए. जिसके मुताबिक पुलिस कर्मियों द्वारा वांछित स्थानांतरण (Transfer) या पोस्टिंग (Posting) के लिए राजनीतिक या बाहरी प्रभाव का इस्तेमाल करना एक दंडनीय कार्य है.
निर्देश न मानने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर ने स्टैंडिंग ऑर्डर जारी कर ऐसे आचरण पर रोक लगा दी ह. वही निर्देश न मानने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. वहीं पुलिस कमिश्नर के इस नए आदेश के बाद महकमे में काफी खलबली मची हुई है.
2012 में भी ऐसा ही स्टैंडिंग ऑर्डर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने जारी किया था
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि,“इसी तरह का स्टैंडिंग ऑर्डर 2012 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त द्वारा जारी किया गया था, उसके बाद ट्रांसफर- पोस्टिंग के मामले में राजनेताओं और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों का हस्तक्षेप कुछ समय के लिए बंद हो गया था. लेकिन यह फिर से शुरू हो गया. वर्तमान पुलिस प्रमुख को अक्सर बाहरी लोगों से अनुरोध प्राप्त हो रहे थे जिसके बाद ये आदेश जारी किया है.”
आदेश में ये कहा गया है
आदेश में दिए गए छह सूत्री दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर किसी पुलिस कर्मी के स्थानांतरण या नियुक्ति के संबंध में कोई लिखित अनुरोध या सिफारिश पुलिस मुख्यालय या किसी कार्यालय को प्राप्त होती है, तो ऐसे पत्र की एक कॉपी पुलिस कर्मियों की निजी फाइल में रखी जाएगी. ” और इसी तरह की प्रतियां संबंधित अनुशासनिक प्राधिकारी और उनके रिपोर्टिंग अधिकारी को फॉरवर्ड की जाती हैं.
आदेश में कहा गया है कि, "अनुशासनात्मक प्राधिकारी द्वारा संबंधित सदस्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और उचित अनुवर्ती कार्रवाई की जाएगी. अगर इस तरह के लेटर बार-बार प्राप्त होते हैं, तो बड़ी सजा के लिए विभागीय जांच शुरू की जा सकती है. ”
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