Delhi News: राजधानी दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों के लोग रहते हैं. कोई रोजगार की तलाश में यहां आया था तो कोई पढ़ाई के लिए, लेकिन दिल्ली में रह रहे प्रवासियों में पूर्वोत्तर राज्यों के लोग कई मौकों पर भेद-भाव का शिकार हो जाते हैं. इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस की तरफ से इनके लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है और इनकी समस्याओं के निवारण के लिए नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की गई है. हालांकि, हाल के दिनों में पूर्वोत्तर राज के प्रवासियों के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना सामने नहीं आयी है. बावजूद इसके मणिपुर में हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पूर्वोत्तर राज्यों के रहने वाले लोगों की सुरक्षा व्यवस्था को और भी पुख्ता करने की पहल की है.


इसके लिए दिल्ली पुलिस ने एक पोर्टल के जरिये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रह रहे पूर्वोत्तर राज्यों के निवासियों से अपना डेटा सब्मिट करने की अपील की है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक मणिपुर, असम, मिजोरम और दार्जिलिंग के निवासी जो वर्तमान में दिल्ली में रह रहे हैं वे इस पर रजिस्ट्रेशन कराएंगे. इस लिस्ट में लद्दाख को भी शामिल करने पर मंथन चल रहा है. दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई समुदाय दिल्ली में रहकर गुजर बसर करते आ रहे हैं. ऐसे में उन्हें बेहतर सुरक्षा देना दिल्ली पुलिस का काम है. पुलिस की इस पहल का उद्देश्य उन्हें किसी भी प्रकार की हिंसा या झड़प से बचना है.


इन इलाकों में ज्यादा हैं पूर्वोतर के लोग


पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पिछले साढ़े चार वर्षों में दिल्ली में पूर्वोतर के लोगों की संख्या बढ़ी है. जिनका पूरा डेटा अभी पुलिस के पास नहीं है. अधिकारी ने बताया कि, 2021 तक 22 हजार से ज्यादा पूर्वोत्तर के लोग दिल्ली में रहते थे, जिनका पूरा डेटा दिल्ली पुलिस के पास था. लेकिन 2021 के बाद से इनकी संख्या बढ़ी है और वर्तमान में 1 लाख से ज्यादा पूर्वोत्तर के लोग दिल्ली में रह रहे हैं और फिलहाल सभी का डेटा दिल्ली पुलिस के पास नहीं है. इनमें 1700 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं, जो दिल्ली के द्वारका, मालवीय नगर, मुनिरका, हौजखास, छतरपुर, मौरिस नगर और जनकपुरी आदि जगहों पर रह कर पढ़ाई कर रहे हैं. उन सभी को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराने के लिए दिल्ली पुलिस ने इस पहल की शुरुआत की है. इसकी जानकारी नॉर्थ-ईस्ट रीजन की स्पेशल यूनिट ने अगस्त महीने की शुरूआत में अपने सोशल मीडिया एकाउंट से दी थी.


क्यों शुरू हुई ये पहल?


अधिकारी ने बताया कि नॉर्थ ईस्ट रीजन स्पेशल टीम की जिम्मेदारी ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर पी.एम खीमी को दी गई है. वे पहले से ही वीमें एंड चिल्ड्रेन स्पेशल टीम को लीड कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट रीजन के डेटा का विश्लेषण किया जाएगा. पुलिस किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के निवासियों के संपर्क में रहना चाहती है. नॉर्थ ईस्ट रीजन के कई स्टूडेंट्स और फैमिली दिल्ली में रह रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वे शांति से रह सकें और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी या भेदभाव का सामना न करना पड़े.


गूगल फॉर्म के जरिए मांगी गई जानकारी


अधिकारी ने कहा कि उन सभी का डेटा दिल्ली पुलिस के पास सुरक्षित रहेगा और उसे किसी के भी साथ साझा नहीं किया जाएगा. दिल्ली पुलिस की नॉर्थ ईस्ट रीजन स्पेशल यूनिट ने उनकी जानकारी को प्राप्त करने के लिए अपने ट्विटर पर गूगल फॉर्म का लिंक पोस्ट किया है. फॉर्म में निवास स्थान और जाति/उपजाति के विवरण के साथ व्यक्तिगत जानकारिया भी मांगी गई है.


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