दिल्ली: निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही हैं. इसके बाद शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए दिल्ली पुलिस ने नूपुर शर्मा और उनके परिवार को सिक्योरिटी भी प्रदान की है. ये जानकारी मंगलवार को अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने बताया कि निलंबित बीजेपी प्रवक्ता शर्मा ने पुलिस से प्रताड़ना और धमकी मिलने का हवाला देते हुए सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया था.
नूपुर की टिप्पणी से मुस्लिम समुदाय नाराज
एक अधिकारी ने कहा कि, "शर्मा और उनके परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है क्योंकि उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें धमकी मिल रही है और उनकी टिप्पणी पर उन्हें परेशान किया जा रहा है." बता दें कि पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी करने को लेकर नूपुर से मुस्लिम समुदाय काफी खफा है. महाराष्ट्र में नुपूर शर्मा के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं. एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर की टिप्पणी के बाद तीन जून को कानपुर में हिंसक झड़पें हुई थीं
बीजेपी ने रविवार को नूपुर शर्मा को कर दिया था निलंबित
बता दें कि भाजपा ने रविवार को शर्मा को निलंबित कर दिया ता और दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को भी निष्कासित कर दिया था. दरअसल शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों के विरोध के बाद विवाद बढ़ गया था. इसे देखते हुए बीजेपी ने दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की थी. मुस्लिम समूहों के प्रदर्शनों और कुवैत, कतर और ईरान जैसे देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच, भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है.
नूपुर शर्मा ने ट्विटर पर माफी मांगी है
हालांकि बवाल बढ़ने के बाद बाद नूपुर शर्मा ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी करने को लेकर माफी मांग ली थी. नूपुर ने लिखा, ''मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी,जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था. मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है. दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं. जाओ जा के पूजा कर लो. मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं. अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापिस लेती हूं. मेरी मंशा किसी को कष्ठ पहुंचाने की कभी नहीं थी.''
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