Delhi News: सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के मंच से कथित रूप से तेजाब बेचे जाने को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की. दिल्ली के द्वारका इलाके में एक लड़की पर तेजाब से हमला करने के मुख्य आरोपी ने कहा था कि उसने ई-कॉमर्स वेबसाइट से प्रतिबंधित पदार्थ खरीदा था. इसके बाद पुलिस ने 15 दिसंबर को फ्लिपकार्ट को नोटिस जारी किया था. पुलिस के मुताबिक, अधिकारियों से बुधवार को पूछताछ की गई और वे कंपनी के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं. कंपनी ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा था कि तेजाब आगरा की एक फर्म द्वारा बेचा गया था.
क्या जवाब दिया कंपनी ने
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने जवाब दिया कि उसने खरीदारों और विक्रेताओं के बीच एक मंच के रूप में काम किया. जिस पर, उनसे दोनों पक्षों को सुविधा प्रदान करते हुए फर्म द्वारा पालन किए जा रहे मानदंडों के बारे में पूछा गया. पुलिस ने कहा कि उनसे फिर पूछताछ की जाएगी या नहीं, इस पर फैसला बाद में किया जाएगा. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(9) के तहत परिभाषित ‘उपभोक्ता अधिकारों’ में उन वस्तुओं, उत्पादों या सेवाओं के विपणन के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार शामिल है जो जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हैं.
गृह मंत्रालय ने पूर्व में कहा था कि ई-मार्केटप्लेस इकाई द्वारा बिना किसी उचित परिश्रम के आसान, सुलभ और अनियमित तरीके से अत्यधिक संक्षारक तेजाब की बिक्री से उपभोक्ताओं, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों, अर्थात् महिलाओं और बच्चों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 की धारा 4 (3) के अनुसार, कोई भी ई-कॉमर्स इकाई किसी भी अनुचित व्यापार व्यवहार को नहीं अपनाएगी.
14 दिसंबर की घटना
गौरतलब है कि बाइक सवार दो नकाबपोश व्यक्तियों ने 14 दिसंबर को एक लड़की पर उस वक्त तेजाब फेंक दिया था जब वह अपने घर से स्कूल के लिए निकली थी. इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी. इस मामले में तीन लोगों - मुख्य आरोपी सचिन अरोड़ा और उसके दो मित्रों हर्षित अग्रवाल (19) और वीरेंद्र सिंह (22) को गिरफ्तार किया गया था. विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि हमले में इस्तेमाल तेजाब एक ई-कॉमर्स वेबसाइट के माध्यम से खरीदा गया था और अरोड़ा द्वारा ई-वॉलेट के माध्यम से इसके लिये भुगतान किया गया था.