Delhi Cyber Fraud News: दक्षिण पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने साइबर क्राइम से जुड़े कई गैंग्स का भंडाफोड़ किया है. एक नेटवर्क का पीछा करते हुए दिल्ली पुलिस कई जालसाजों तक पहुंचने में सफल हुई. साइबर फ्रॉड से जुड़े इस नेटवर्क का पीछा करते हुए पुलिस झारखंड के जामताड़ा से लेकर राजस्थान, हरियाणा के मेवात और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई तक के क्रिमिनल्स तक पहुंची. इस क्रम में पुलिस को पता चला कि इन लोगों ने तकरीबन साढ़े छह करोड़ से ज्यादा की रकम भोले-भाले लोगों से डकार लिए.
दिल्ली पुलिस साइबर क्राइम सेल ने धोखाधाड़ी से जुड़े नेटवर्क के जरिए 18 जालसाजों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया है.
कर्नल और विंग कमांडरों को भी लगाया चूना
दिल्ली पुलिस के मुताबिक सेना के एक कर्नल को रिवॉर्ड देने के नाम पर धोखेबाजों ने सवा लाख के आसपास की रकम उड़ा ली. कई ग्रेजुएट्स ऐसे हैं जो मल्टी नेशनल कंपनियों में काम करने के बावजूद इस तरह के क्राइम में शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक एक दूसरे केस में विंग कमांडर को भी जालसाजी का शिकार बनाया, जिन्होंने अपने घर के एक हिस्से को किराए पर देने के लिए ज्ञापन दिया था. तभी एक क्रिमिनल फर्जी आर्मी वाला बनाकर उनके संपर्क में आया और टू वे मर्चेंट खाता खुलवाने के नाम पर पैसा डलवाया गया. विंग कमांडर से यह कहा गया कि इस पैसे को वापस करवाया जाएगा, लेकिन उनके पैसा डालने के बाद इनका पैसा भी गायब हो गया. इसमें 18 लाख से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया गया.
इस कार्ड से भी जालसाजी को दिया अंजाम
डीसीपी रोहित मीणा के मुताबिक साइबार गैंग में शामिल क्रिमिनल्स पेट्रोल भरवाने के लिए जो कार्ड बनाती है, उससे भी जालसाजी करते हैं. सचिन नाम के एक शख्स ने कई भोले लोगों के कार्ड बनवाए और जालसाजी की. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सचिन पाठक को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक एक महिला को भी शिकार बनाया, जो एक एप के जरिए झांसे में आई और शॉपिंग के नाम पर हाई रिटर्न का लालच देकर क्रिमिनल्स ने उनसे फ्रॉड किया. इस मामले में मुंबई से भी पुलिस ने गिरफ्तारी की. पुलिस को आरोपियों के खाते से 2.72 करोड़ रुपये मिले.
डिफेंस मिनिस्ट्री के ट्रांसलेटर को लगाया 26 लाख का चूना
इन जालसाजों ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ट्रांसलेटर को भी नहीं छोड़ा. इन्हें वर्क फ्रॉम होम के नाम पर 26 लाख का ट्रांजेक्शन करवाया. पुलिस के मुताबिक साइबर क्रिमिनल्स ने इस मामले ट्रांसलेटर को ऑनलाइन टास्क दिया. पहले छोटी अमाउंट को डबल कर ट्र्रांसलेटर के खाते में भेजा भी. ताकि पीड़ित उनके झांसे में आ जाए. इसमें पुलिस ने यूपी से एक देव नाम के लड़के को गिरफ्तार किया, जो बीएससी कर रहा है.
हमेशा एक्टिव रहते हैं साइबर क्रिमिनल्स
गूगल में सर्च करने के दौरान ये जालसाज हमेशा एक्टिव रहते हैं और इसीलिए कई पीड़ित उनके झांसे में आकर गलत नंबर पर डायल कर देते हैं क्योंकि गूगल पर यह अपना नंबर भी किसी न किसी तरह से एडजस्ट करते हैं जिसके झांसे में लोग आकर लूटते हैं