Delhi News: प्राइवेट हॉस्टल और पीजी के लिए लाइसेंस और नए नियम जारी करेगी दिल्ली पुलिस, छात्र बोले- मनमानी फीस वसूलते हैं हॉस्टल
New Delhi: दिल्ली में कई लोग मकान के लिए पंजीकृत जमीन पर हॉस्टल चला रहे हैं. इसके अलावा वे मनमाने ढंग से छात्रों से फीस वसूल रहे हैं.
License will be issued for private hostel, PG in delhi: दिल्ली पुलिस कॉलेज के छात्रों के लिए 700 से अधिक छात्रावासों और पेइंग गेस्ट आवासों को नई गाइडलाइंस के साथ मंजूरी दे सकती है और उन्हें लाइसेंस जारी कर सकती है. नई गाइडलाइंस इस बाबत जारी की जाएंगी कि उन्हें कैसे काम करना है. मामले से अवगत अधिकारियों ने कहा कि यह इस व्यवसाय को औपचारिक रूप देने की दिशा में एक पहल है जो अभी तक अव्यवस्थित ढंग से संचालित है. दिल्ली पुलिस और शहर के नागरिक निकायों के अधिकारियों ने कहा कि ये आवास काफी हद तक अनियमित हैं, और इनमें से कई हॉस्टल आवासीय के रूप में पंजीकृत भूमि पर संचालित है और उनके पास आवश्यक अनुमति और सुरक्षा उपाय भी नहीं हैं.
आम सहमति के बाद दिया जाएगा अंतिम रूप
अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार, दिल्ली पुलिस और नगर निकायों के बीच आम सहमति बनने के बाद इस व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जायेगा. दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग इकाई ऐसे नियम बनाएगी जिनका पालन निजी छात्रावासों और पीजी को मंजूरी के लिए करना होगा. नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि पहले छात्रावासों में ठहरने की क्षमता, सुरक्षा के इंतजाम जैसे अग्नि सुरक्षा यंत्रों आदि का आकलन किया जाएगा. सभी चीजों के सत्यापन के बाद ही छात्रावास की अनुमति दी जाएगी.
अभी तक छात्रावासों के लिए कोई नियम नहीं
बता दें कि निजी छात्रावासों और पीजी को सरकार से किसी प्रकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनके संचालन को विनियमित करने और जांचने के लिए अब तक कोई वैधानिक निकाय नहीं है. नॉर्थ एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केवल राजस्व से संबंधित मुद्दे, जैसे गृह कर और इन घरों के रूपांतरण शुल्क नगर पालिकाओं के अंतर्गत आते हैं. लेकिन जब इनके संचालन की वैधता पर सवाल उठाया जाता है तो इनके मालिकों का दावा है कि इनके संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त करने का कोई लिखित नियम नहीं है.
दिल्ली में 700-800 निजी हॉस्टल व पीजी
उन्होंने कहा कि जब दिल्ली सरकार के गृह विभाग से इस बाबत संपर्क किया गया तो तो एक अधिकारी ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ऐसे प्रतिष्ठानों के बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है. उन्होंने कहा ये निजी छात्रावास दिल्ली सरकार द्वारा विनियमित नहीं हैं लेकिन, हम जल्द ही उन्हें दिल्ली पुलिस के दायरे में लाएंगे. दिल्ली में 700 से 800 निजी छात्रावास या पीजी हैं, जिनमें से अधिकांश उत्तरी और दक्षिण परिसर क्षेत्रों, मोती बाग, साकेत, कटवारिया सराय और मुखर्जी नगर, किंग्सवे कैंप, आउट्राम लाइन्स और उत्तरी दिल्ली में तिमारपुर के आसपास हैं.
छात्रों ने किया फैसले का स्वागत
जहां कुछ हॉस्टल और पीजी मालिकों ने इस फैसले पर सवाल उठाया है, वहीं छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि कुछ लोगों ने इसे पैसे कमाने का जरिया बना लिया है. नालंदा के रहने वाले और कटवारिया सराय में एक निजी छात्रावास में रहने वाले विवेक कुमार कहते हैं कि ये छात्रावास बेमतलब शुल्क बढ़ा देते हैं. जब कोइ इसका कारण पूछता है तो उनके बाउंसर छात्रों को डराना शुरू कर देते हैं.
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