Delhi News: दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना (Vinai Saxena) और सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बीच पावर गेम पहले की तरह जारी है. इस बीच 'राजनीतिक विज्ञापनों' पर केजरीवाल सरकार की ओर से खर्च किए गए 97 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) से वसूलने के एलजी के आदेश पर पार्टी प्रवक्ता ने सख्त आपत्ति जताई है. आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) का कहना है कि दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश देने का एलजी विनय सक्सेना के पास कोई कानूनी शक्ति नहीं है.


आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने इस मसले पर मीडिया से बातचीत में एलजी के निर्देश को 'नया प्रेम पत्र' करार दिया है. उन्होंने कहा कि एमसीडी में हार के बाद से बीजेपी बौखलाई हुई है. आम आदमी पार्टी अब एक राष्ट्रीय पार्टी है. आप ने एमसीडी में उससे सत्ता छीन ली है. उपराज्यपाल सब कुछ बीजेपी के इशारे पर कर रहे हैं. यही दिल्ली की जनता को परेशान कर रहा है. भारद्वाज ने दावा किया कि दिल्ली के लोग जितने चिंतित हैं, बीजेपी उतनी ही खुश है.


'कानून की नजर में टिक नहीं पाएगा एलजी का निर्देश'
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव को जारी उपराज्यपाल का निर्देश कानून की नजर में टिक नहीं पाएगा. दिल्ली एलजी के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है. वह इस तरह के निर्देश जारी नहीं कर सकते. अन्य राज्य सरकारें भी विज्ञापन जारी करती हैं. भाजपा की विभिन्न राज्य सरकारों ने विज्ञापन जारी किए, जो यहां प्रकाशित हुए हैं. हम पूछना चाहते हैं कि विज्ञापनों पर खर्च किए गए 22 हजार करोड़ रुपये बीजेपी से कब वसूल किए जाएंगे? जिस दिन पैसा वसूल हो जाएगा, हम भी 97 करोड़ रुपये देंगे.


जानिए क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को आम आदमी पार्टी से सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए 97 करोड़ रुपये वसूलने के निर्देश दिए हैं. उनके इस आदेश के बाद आम आदमी पार्टी ने ये प्रतिक्रिया दी है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि हम इसे उनका प्रेम पत्र मानते हैं.


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