Delhi Political Equation changing fast: पिछले दिनों से दिल्ली के सियासी घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहे हैं. किसी ने यह सोचा नहीं होगा कि एमसीडी में जीत के बाद मेयर और डिप्टी मेयर पर अपना कब्जा जमाने और बहुत कम समय में राष्ट्रीय पार्टी बनने का सफर तय करने में सफल हुई आप के दो मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. इतना ही नहीं, दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की वजह से दिल्ली के सारे सियासी समीकरण भी बदल देंगे. आम आदमी पार्टी अचानाक डैमेज कंट्रोल में जुटी है, वहीं बीजेपी और कांग्रेस के नेता आक्रामक तेवर में दिखाई देने लगे हैं. 


दरअसल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीबीआई के हाथों गिरफ्तारी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को सकते में डाल दिया है. कुछ दिन पहले तक आप के नेताओं का आत्मविश्वास पीक पर था. उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी वाले मनीष सिसोदिया जैसे मंत्री पर हाथ डालने की हिमाकत नहीं कर सकते, लेकिन हुआ जिसका अंदाजा नहीं था. यही वजह है कि पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के जेल जाने से आप दबाव में  आ गई है. आइए, हम आपको बताते हैं  दोनों मंत्रियों के इस्तीफे से लेकर अब तक की 10 बड़ी बातें: 


1. ठीक 9 महीने पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे डा. सत्येंद्र जैन को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्हें अभी तक कोर्ट से जमानत नहीं मिली. वहीं बीते वर्ष अगस्त में आबकारी नीति मामले में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर सीबीआई ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से दो चरणों में पूछताछ की. सीबीआई ने उनके आवास पर भी छापेमारी की. उसके बाद उन्हें 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया ,


2. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डा. सत्येंद्र जैन पर 2015 से 17 में आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप है जिसको लेकर सीबीआई और ईडी ने इन पर केस दर्ज किया. गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर जैन से सभी मंत्रालय ले लिए गए थे लेकिन उन्होंने 28 फरवरी को इस्तीफा दिया. वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर आबकारी नीति मामले में हजारों रुपए के घोटाले का आरोप है. बीते वर्ष अगस्त में मनीष सिसोदिया सहित 1 दर्जन से अधिक लोगों पर सीबीआई ने केस दर्ज किया. गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने उनसे लंबी पूछताछ भी की थी. 


3. डॉक्टर सत्येंद्र जैन के पास गिरफ्तारी से पहले स्वास्थ्य विभाग जैसे बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र की जिम्मेदारी थी. वहीं मनीष सिसोदिया पर गिरफ्तारी से पहले सबसे ज्यादा 18 मंत्रालयों की की जिम्मेदारी थी, ऐसे में घोटाले का आरोप लगने के बाद पार्टी पर बड़ा दबाव था कि यह नेता संवैधानिक मर्यादा का ख्याल रखते हुए सबसे पहले अपने मंत्रालयों से इस्तीफा दें,


4. डॉक्टर सत्येंद्र जैन ने गिरफ्तारी के 9 महीने बाद इस्तीफा दिया. वहीं मनीष सिसोदिया ने गिरफ्तारी के अगले 2 दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया. जिसको लेकर पार्टी ने स्पष्ट किया कि दिल्ली की जनता का कामकाज प्रभावित ना हो, इसलिए दोनों नेताओं ने इस्तीफा दिया है. 


5. डॉक्टर सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी बनाने और विस्तार में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं, खासतौर पर मनीष सिसोदिया की बहुत निर्णायक भूमिका रही है, चुनावी रणनीति हो या पार्टी के लिए फंड अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद से ही पार्टी के दिल्ली सहित अन्य राज्यों में विस्तार को लेकर मनीष सिसोदिया हमेशा सक्रिय रहे हैं ,


6. किसी भी राज्य के बुनियादी आधार को मजबूत करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों का सशक्त होना आवश्यक है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनने के बाद सीएम केजरीवाल ने मोहल्ला क्लीनिक के माध्यम अच्छे स्वास्थ्य सुविधाओं और मनीष सिसोदिया के दम पर बेहतर शिक्षा व्यवस्था होने का दावा किया था, लेकिन इन विभागों के दोनों मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगे. उसके बाद से पार्टी की नीतियों पर सवाल खड़ा होने लगे हैं. 


7. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन 9 महीने से जेल में है. उन्हें अब तक कोर्ट से जमानत नहीं मिली है. अब दिल्ली शराब कांड को लेकर मनीष सिसोदिया को भी सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी है,


8. आम आदमी पार्टी ने बेहद कम समय में राष्ट्रीय पार्टी बनने तक का सफर तय किया और इसमें इन दोनों नेताओं की निर्णायक भूमिका रही है. पार्टी में सीएम केजरीवाल के बाद सबसे बड़ा कद अगर किसी का रहा है तो मनीष सिसोदिया और डा सत्येंद्र जैन का इससे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता , दिल्ली राज्य के चुनाव के अलावा अन्य राज्य के चुनाव हो या लोकसभा चुनाव खास तौर पर मनीष सिसोदिया वन मैन आर्मी की तरह काम करते थे,


9. भ्रष्टाचार के आरोप के बाद पार्टी के इन दोनों बड़े नेताओं द्वारा मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सीएम केजरीवाल के लिए भी यह दौर सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा वाला माना जा रहा है .


10. आम आदमी पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने यह जरूर कहा है कि जनता का काम प्रभावित ना हो इसलिए इन दोनों मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है. पार्टी की छवि बिगाड़ने के लिए इन दोनों नेताओं पर लगे आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं, लेकिन भ्रष्टाचारमुक्त शासन के नाम पर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के लिए इससे चुनौती से पार पाना इतना आसान नहीं होगा, 


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