राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोकआस्था के महापर्व छठ को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी छठ पूजा की आड़ में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं और खुद को पूर्वांचलियों का सबसे बड़ा हितैषी साबित करने में जुटे हुए हैं. बता दें कि बीजेपी ने पहले दिल्ली सरकार पर सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने की मंजूरी न देने पर निशाना साधा था. जिसके बाद दिल्ली सरकार को बढ़ते दबाव के चलते छठ पूजा की इजाजत देनी पड़ी थी. वहीं अब आप पार्टी के विधायकों ने भी बीजेपी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि बीजेपी छठ घाटों का निर्माण रोक रही है. इसे लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट भी किया है.


केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा छठ पूजा में विघ्न डालना सही नहीं


केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “ छठ पूजा के आयोजन में इस तरह विघ्न डालना सही नहीं है. हम सबको मिलकर इसका आयोजन करना चाहिए और फिर मिलकर छठी मैया की पूजा करेंगे. तभी तरक्की होगी.”






 


सोमनाथ भारती ने ट्वीट कर बीजेपी पर छठ घाट का निर्माण रोकने का आरोप लगाया


वहीं आप विधायक सोमनाथ भारती ने ट्विटर पर अपना एक वीडियो पर पोस्ट किया है. इस वीडियो में सोमनाथ भारती फावड़ा लेकर खुदाई करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “ जब @BJP4India के नेताओं ने पुलिस का दुरुपयोग कर JCB मशीन को छठ घाट बनाने से रोक दिया तो मैंने खुद कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर भगवान श्रीराम के गिलहरियों (रामसेतु प्रसंग) की तरह खुद फावड़े से घाट बनाने का काम फिर से JCB मशीन आने तक जारी रखा. छठी मैया की जय!”






आप विधायक विनय मिश्रा ने भी बीजेपी पर छठ घाट निर्माण रोकने का आरोप लगाया


आप पार्टी के एक और विधायक विनय मिश्रा ने भी बीजेपी पर छठ घाटों का निर्माण रोकने का आरोप लगाया. उन्होंने ट्वीट किया है कि,” पिछले 30 सालों से दुर्गा पार्ट द्वारका में छठ पूजा हो रही है, लेकिन इस बार बीजेपी मेयर ने घाट बनाने से रोक दिया. मैं धरने पर बैठा हूं. पूजा होगी तो यही होगी, पूर्वांचल के लोगों के साथ बीजेपी का अक्सर दोगलापन रवैया रहता है, छठ महापर्व तो देश का महापर्व है, इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.”  मिश्रा के इस ट्वीट को सोमनाथ भारती ने रीट्वीट करते  हुए लिखा कि, “ भाजपा का इस प्रकार से पहले मालवीय नगर में और अब द्वारका में छठ घाट बनाने से रोकना दर्शाता है कि वह पूर्वांचल विरोधी और छठ विरोधी हैं. छठ का महापर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और भाजपा का इस महापर्व का विरोध हमें कतई स्वीकार नहीं है.”






 


बीजेपी ने पहले दिल्ली सरकार पर छठ पूजा को मंजूरी न देने पर निशाना साधा था


गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा पर प्रतिबंध लगाए जाने का बीजेपी ने कड़ा विरोध किया था. बीजेपी शासित नगर निगमों ने तो ये भी ऐलान कर दिया था कि वह पहले की तरह ही घाटों पर छठ पूजा कराएगी. यहां तक कि बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी छठ पूजा पर प्रतिबंध हटाए जाने की मांग करते हुए रथ यात्रा निकालने का भी ऐलान कर दिया था. वहीं बढ़ते दबाव को देखते हुए बाद में सीएम केजरीवाल को सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने की मंजूरी देनी पड़ी थी.


दिल्ली में 25 से 30 प्रतिशत हैं पूर्वांचली


सवाल उठता है कि दिल्ली में छठ पूजा पर क्यों सियासी घमासान मचा हुआ है? बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में काफी संख्या में पूर्वांचल के लोग रहते हैं. पूर्वी यूपी और बिहार के लोगों को पूर्वांचली कहा जाता है. दिल्ली में पूर्वांचलियों की संख्या 25 से 30 प्रतिशत के आसपास है. इसी कारण हर पार्टी पूर्वांचलियों की हितैषी बनने की होड में रहती हैं.


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