Delhi Congress President: दिल्ली कांग्रेस में लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा फैसला, अरविंदर सिंह लवली बनाए गए DPCC चीफ
Delhi Congress New President: कांग्रेस ने पार्टी की दिल्ली इकाई के नए अध्यक्ष का एलान कर दिया है. फिलहाल पार्टी के अध्यक्ष अनिल चौधरी हैं.
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Delhi Congress News: कांग्रेस ने दिल्ली प्रदेश के नए अध्यक्ष का एलान कर दिया है. पार्टी ने अनिल चौधरी की जगह अब अरविंदर सिंह लवली को यह जिम्मेदारी सौंपी है. इस बाबत कांग्रेस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर भी जानकारी दी. INC Sandesh ने एक पोस्ट में लिखा- कांग्रेस अध्यक्ष ने अरविंदर सिंह लवली को तत्काल प्रभाव से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
केसी वेणुगोपाल द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अरविंदर सिंह लवली को तत्काल प्रभाव से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है. पार्टी, निवर्तमान अध्यक्ष अनिल चौधरी के प्रयासों और योगदान की सराहना कशिरती है.
अरविंदर सिंह लवली दिल्ली की भूतपूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. शीला दीक्षित की सरकार में उन्हें शिक्षा और परिवहन विभाग की जिम्मेदारी मिली थी.
साल 2017 में दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक पहले वो बीजेपी में चले गए थे लेकिन बीते लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में घर वापसी कर ली. लवली को कमान देकर कांग्रेस ने दिल्ली के सिख वोटरों को साधने की कोशिश की है. अहम ये भी है कि लवली आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन के पक्ष में माने जाते हैं.
ऐसा रहा है अरविंदर सिंह लवली का राजनीतिक करियर
अरविंदर सिंह लवली दिल्ली पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा वह चार बार विधायक भी रहे. लवली ने दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकारों में शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय, शिक्षा और परिवहन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग संभाले थे.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से राजनेता गौतम गंभीर (भाजपा) और आतिशी (आप) के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. लवली कॉलेज के दौरान वह छात्र राजनीति में सक्रिय थे. बाद में, 1990 में, उन्हें दिल्ली युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में चुना गया, और फिर 1992 से 1996 तक नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव के रूप में कार्य किया.
साल 2017 में, उन्होंने कुछ समय के लिए पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया और अप्रैल 2017 में प्रतिद्वंद्वी भाजपा में शामिल हो गए. लेकिन कुछ महीनों के बाद, वह यह कहते हुए कांग्रेस में लौट आए कि वह भाजपा में 'वैचारिक रूप से अनुपयुक्त' हैं.
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