Delhi Politics: एमसीडी में BJP के इस कदम से बढ़ सकती है AAP की टेंशन, दिल्ली से 160KM दूर हो रही खास बैठक
MCD News: एमसीडी में बीजेपी के 105 पार्षद विकास कार्यों के लिए फंड न मिलने और स्थायी समिति के गठन न होने से वित्तीय संकटों को सामना कर रहे हैं. सदन प्रोजेक्ट नहीं करवा पा रहे पास.
Delhi News: दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं को बहुत हद तक घेरेबंदी करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) एमसीडी (MCD) में सत्ताधारी पार्टी को पटखनी देने की तैयारी में जुट गई है. इसके लिए बीजेपी ने एमसीडी में अपने वर्तमान 105 पार्षदों को वृंदावन में प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है. एमसीडी पार्षदों (BJP MCD Councilors) को नवंबर के पहले सप्ताह में गुरु मंत्र दिया जाएगा. पार्षदों को एमसीडी से काम कराने और सत्ताधारी पार्टी को घेरने के लिए प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेता प्रशिक्षण देने के लिए वृंदावन पहुचेंगे.
सीखेंगे AAP से पार पाने का सियासी नुस्खा
बीजेपी अपने एमसीडी पार्षदों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आप के दोहरा व्यहवहार से निपटने और सदन में नए पार्षदों को मुद्दे उठाने के तरीके भी बताए जाएंगे. सत्ताधारी पार्टी की कमियों को जनता के बीच उजागर करने के नुस्खे भी बताए जाएंगे. साथ ही ये भी बताया जाएगा कि वो सरकार को घेराव कैसे करें.
AAP के दोहरे दोहरे रवैये बीजेपी नेता परेशान
बीजेपी की इस रणनीति के बारे में एमसीडी सदन के पूर्व नेता व दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के नेता आशीष सूद ने बताया कि ये बात सही है कि एमसीडी पार्षदों को वृंदावन में प्रशिक्षण देने की योजना है, लेनिक प्रशिक्षिण शिविकर का आयोजन पार्टी की गतिविधियों का हिस्सा है. इसका आयोजन के वृंदावन के एक धर्मशाला में करने की योजना है. उक्त धर्मशाला में लगभग 250 लोगों के ठहरने और खाने की पीने की क्षमता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एमसीडी में बीजेपी के पार्षद विकास फंड न मिलने साथ ही स्थायी समिति के गठन न होने से वित्तीय संकटों को सामना कर रहे हैं. विकास कार्यों के प्रोजेक्ट पास नहीं हो पा रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी आप के नेता बीजेपी पार्षदों के साथ दोहरा व्यवहार कर रहे हैं.
MCD में BJP के 105 पार्षद
बता दें कि दिल्ली एमसीडी के 250 में से 105 पार्षद हैं. इनमें से कई पार्षद ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर दिल्ली नगर निगम सदन में पहुंचे हैं. इन पार्षदों को अपने क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए बजट पास कराने और तेजी से निगम से काम कराने का अनुभव नहीं है. इस बात को ध्यान में रखते हुए पार्षदों प्रशिक्षण देने का फैसला लिया गया है.
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