Delhi News: एलजी पर 'सीधे' फाइलें मांगने के आरोप का मनीष सिसोदिया को देना होगा जवाब, मुख्य सचिव ने मांगा ब्योरा
Delhi News: मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने आरोप लगाया था कि एलजी सचिवालय ने अपने संबंधित सचिवों, मुख्य सचिव के माध्यम से विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रथा का सहारा लिया है.
Delhi Politics: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार (Delhi Government) और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना (V.K. Saxena) के साथ चल रही तकरार के बीच मुख्य सचिव ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के कार्यालय से उन फाइलों और आदेशों का विवरण देने के लिए कहा है, जिसके आधार पर उन्होंने आरोप लगाया था कि एलजी कार्यालय सीधे अपने संबंधित सचिवों के माध्यम से फाइलें मांग रहा है. मुख्य सचिव नरेश कुमार (Naresh Kumar) ने डिप्टी सीएम कार्यालय को जनवरी तक ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है.
एलजी कार्यालय से जुड़े एक सूत्र ने कहा, "डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा 23.12.2022 को एलजी को लिखे पत्र में लगाए गए आरोप और उसी तारीख को मुख्य सचिव और अन्य प्रमुख सचिवों को जारी किए गए एक आदेश में दोहराया गया है. तथ्य यह है कि मुख्य सचिव ने डिप्टी सीएम के कार्यालय से 02.01.2023 तक फाइलों और आदेशों का विवरण प्रदान करने के लिए कहा है, जिसके आधार पर सिसोदिया ने आरोप लगाए थे."
सिसोदिया ने लगाया था ये आरोप
मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि "उपराज्यपाल सचिवालय ने हाल के दिनों में अपने संबंधित सचिवों, मुख्य सचिव के माध्यम से विभिन्न विभागों से फाइलों को मंगाने की प्रथा का सहारा लिया है और उस पर लेन-देन का कारोबार किया है, जैसे अधिसूचना जारी करने आदि को मंजूरी देना. उन्होंने संबंधित मंत्री और मंत्रिमंडल को पूरी तरह से भी दरकिनार कर दिया है."
मनीष सिसोदिया ने 23 दिसंबर को जारी किया आदेश
सूत्र के अनुसार, मनीष सिसोदिया ने 23 दिसंबर को मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों/सचिवों/विभागाध्यक्षों को एक आदेश भी जारी किया था, जिसमें उन्हें महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से संबंधित कुछ फाइलें सीधे उपराज्यपाल सचिवालय को बिना रूट किए भेजे जाने के लिए दोषी ठहराया गया था. सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि उनके संज्ञान में आया कि एलजी ने मंत्रिपरिषद को दरकिनार कर अधिकारियों को सीधे आदेश/निर्देश और अनुमोदन दिए हैं.
'एलजी को प्रभारी मंत्री के समक्ष भी रखने चाहए निर्देश'
मनीष सिसोदिया के आदेश में मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों/सचिवों को भी निर्देश दिया गया है कि "जीएनसीटीडी के कामकाज से संबंधित किसी भी/सभी मामलों पर आपके द्वारा मेरे कार्यालय को दरकिनार कर सीधे उपराज्यपाल को भेजी गई कोई भी/सभी फाइलें मेरे सामने रखें." सूत्र के मुताबिक, मनीष सिसोदिया के आदेश में आगे कहा गया है, "उपराज्यपाल से सीधे प्राप्त किसी भी निर्देश को लागू करने से पहले आवश्यक निर्देश/कार्रवाई के लिए प्रभारी मंत्री के समक्ष भी रखा जाना चाहिए."
मुख्य सचिव के कार्यालय ने किया ये अनुरोध
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पत्र और आदेश के संबंध में मुख्य सचिव के कार्यालय ने उपमुख्यमंत्री के सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे कुछ फाइलों के साथ-साथ अधिकारियों को सीधे आदेश/निर्देश/अनुमोदन का विवरण प्रदान करें. सिसोदिया ने अपने आदेश में इसका जिक्र किया है. सीएस कार्यालय दिनांक 26.12.2022 से इस संचार की एक प्रति, सभी प्रधान सचिवों/सचिवों/सीईओ/एमडी/निदेशकों, आयुक्तों को भी चिह्न्ति की गई है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि "उप द्वारा संदर्भित ऐसे सभी मामलों का विवरण प्रदान करें. मुख्यमंत्री (यदि ऐसा कोई प्रकरण नहीं है, तो शून्य प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं) आगामी आवश्यक कार्यवाही के लिए दिनांक 02.01.2023 तक मुख्य सचिव को प्रेषित करें."
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