Delhi pollution News: दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं. इसको लेकर दिल्ली सरकार (Arvind Kejriwal) भी चिंतित है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में हॉटस्पॉट (Delhi 13 Top Polluted Hotspots) वाले इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर संबंधित विभागों के साथ बैठक की. बैठक में अफसरों से विस्तृत जानकारी ली और सभी दिशा-निर्देशों को कडाई से पालन कराने के निर्देश दिए. 


बैठक के बाद उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से प्रदूषण में गिरावट आई है. दिल्ली में एक्यूआई के अच्छे, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी के दिनों की संख्या 2016 की तुलना में 109 से बढ़कर इस साल 200 तक हो गई हैं. दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट प्रदूषण के लिहाज से सबसे ज्यादा जानलेवा सा​बित हो रहे हैं. इससे पार पाने के लिए दिल्ली सरकार अलग-अलग एक्शन प्लान के आधार पर काम करने का फैसला किया है. फिलहाल, सरकार ने इसके लिए 13 कोऑर्डिनेशन टीमें बनाई है.  उन्होंने कहा​ कि सर्दी के मौसम में हॉटस्पॉट में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जिसको लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाई गई हैं. नोडल विभाग भी बनाया गया है, जो प्रदूषण को काम करने के लिए कार्य करेगा. 


प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली के 13 खतरनाक हॉटस्पॉट : यहां पर प्रदूषण क्यों और क्या है प्रस्तावित प्लान 


1. आनंद विहार 


आनंद विहार में एग्जिट रोड पर वाहन का आवागमन, दिल्ली मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट, एकीकृत पूर्वी दिल्ली हब प्रोजेक्ट, आनंद विहार रेलवे स्टेशन के सामने क्षतिग्रस्त सड़कें, आरओ बी प्रोजेक्ट, आनंद विहार से अप्सरा बॉर्डर तक, रेलवे स्टेशन के निकास पर भीड़, की वजह से प्रदूषण का लेवल ज्यादा होता है. इसके समाधान के लिए डीटीआईडीसी, एनसीआरटीसी, एनबीसीसी, पीडब्ल्यूडी, रेलवे और ट्रैफिक पुलिस विभाग की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 12 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं.


2. अशोक विहार 


अशोक विहार बायोमास बर्निंग (केशवपुरम मेट्रो स्टेशन के पास), ट्रैफिक जाम (आजादपुर मेट्रो से आज़ादपुर बस टर्मिनल, आजादपुर चौक आजादपुर फ्लाईओवर के बीच यातायात भीड़), वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में कच्ची और खुदी हुई सड़कें (जल बोर्ड के काम के कारण), गुरजनवाला टाउन के पास कच्ची सड़क, सड़क पर गड्ढे (आजादपुर गोल चक्कर लाल बाग रोड के पास गड्ढे) प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं. इसके समाधान के लिए एमसीडी, ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली मेट्रो डिपार्टमेंट की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 2 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


3. बवाना


बवाना में उचित धूल शमन उपायों के बिना औद्योगिक क्षेत्र के पास यूईआर, निर्माण परियोजनाएं, महर्षि वाल्मिकी अस्पताल के बाहर अवैध कूड़ा डंपिंग और अस्पताल के बाहर यातायात की भीड़, पूठ खुर्द रोड पर सड़क की धूल, जो बवाना सीएएक्यूएमएस स्टेशन के पास है. इसके अलावा दिल्ली-औचंदी रोड के किनारे लोक निर्माण विभाग की सर्विस सड़कों पर सी एंड डी कचरे की अवैध डंपिंग, निर्माणाधीन यूईआर-दो और दिल्ली-औचंदी रोड पर शहीद पार्क से अपना घर आश्रम मोड़ तक के क्षेत्र में भारी यातायात जाम प्रदूषण का स्रोत है. इसके समाधान के लिए एनएचएआई, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 2 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


4. द्वारका 


द्वारका हॉटस्पॉट इलाके में सड़क पर धूल (राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान केंद्र द्वारका जहां सीएएक्यूएम स्टेशन स्थापित है, के पास सड़कों पर धूल, सीएएक्यूएम स्टेशन के ठीक सामने डीडीए ग्राउंड में कचरा जलाना और सी एंड डी कचरे की अवैध डंपिंग वायु प्रदूषण का स्रोत है. इसके समाधान के लिए एमसीडी, डीडीए की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां चार मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


5. मुंडका हॉटस्पॉट


मुंडका में मॉनिटरिंग स्टेशन के पास शहरी विस्तार रोड-2 के निर्माण से भारी धूल उत्सर्जन, पास के दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर कच्चे रास्ते और गड्ढों के कारण भारी मात्रा में धूल उड़ना, रानीखेड़ा मोड़ लाल बत्ती से शुरू होने वाले शहीद विक्रांत सिंह लाकड़ा मार्ग के गड्ढों और कच्चे साइड से धूल का उत्सर्जन, दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर यातायात की मात्रा अधिक होने और मुंडका औद्योगिक क्षेत्र मेट्रो स्टेशन चौराहे के नीचे यातायात की भीड़, मुंडका पुनर्विकास क्षेत्र के अंदर कच्ची सड़कें, निकटवर्ती डीएमआरसी कास्टिंग यार्ड और डीएमआरसी आवासीय परिसर के पीछे कच्ची सड़क के अंदर आरएमसी प्लांट का संचालन प्रदूषण का स्रोत है. इसके समाधान के लिए एनएचएआई, एमसीडी, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, डीएसआईआईडीसी, डीएमआरसी की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 6 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


6. जहांगीरपुरी 


जहांगीरपुरी में बायोमास बर्निंग, आईटीआई परिसर के सामने बस टर्मिनल के पास यातायात जाम की समस्या, सड़क के किनारों पर भारी धूल जमा होना, भलस्वा सेनेटरी लैंडफिल भारी कचरा ट्रकों की आवाजाही और कचरे के प्रसंस्करण के कारण उड़ने वाली धूल, डीएमआरसी निर्माण स्थल और कच्ची सड़क, निर्माण एवं विध्वंस संयंत्र, डीएमआरसी कास्टिंग प्लांट वायु प्रदूषण का स्रोत है. इसके समाधान के लिए एमसीडी, दिल्ली पुलिस, डीटीसी, डीएमआरसी की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 4 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


7. नरेला 


डीडीए हाउसिंग प्रोजेक्ट का निर्माण, यूईआर-2 सड़क निर्माण परियोजना, आईटीआई नरेला के अंदर निर्माण गतिविधि, कचरे का डंपिंग, नरेला औद्योगिक क्षेत्र में यातायात की भीड़, विशेषकर ट्रकों की भारी समस्या, नरेला-बवाना रोड पर भारत माता स्कूल से हनुमान मंदिर बवाना तक सड़क पर गड्ढे और सड़क की धूल प्रदूषण का स्रोत है. इसके समाधान के लिए एनएचएआई, पी.डब्ल्यूडी, एम.सी.डी, डीटीआईडीसी, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, डीडीए की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 2 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


8. ओखला 


माता आनंदमयी मार्ग और ओखला एस्टेट मार्ग की क्षतिग्रस्त सड़क, भारी ट्रैफिक जाम, ओखला चरण-1 में गोदरेज वेस्टमार्क एलएलपी लिमिटेड का निर्माण स्थल प्रदूषण की वजह बने हुए हैं. इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 4 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


9. पंजाबी बाग 


मोती नगर फ्लाईओवर का निर्माण, मोती नगर फ्लाईओवर के नीचे भारी ट्रैफिक जाम, रोड नंबर 41 और रोड नंबर 77 पर गड्ढे, राम लीला मैदान पर वाहनों का प्रतिबंध, रोहतक रोड की सर्विस लेन पर सीएंडडी वेस्ट की अवैध डंपिंग वायु प्रदूषण का स्रोत है. इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 6  मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


10. आरके पुरम  


हैवी ट्रैफिक, सड़क की धूल, सड़कों पर गड्ढे, एनबीसीसी की निर्माण साइट प्रमुख स्रोत है. इसके समाधान के लिए एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, एनबीसीसी की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 4 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


11. रोहिणी 


सीएएक्यूएमएस से सटे नाले का बहना, वेंकटेश्वर अस्पताल के पास नालियां, आई एंड एफसी भूमि पर कचरा डंपिंग, खुले में कचरा जलाना, शहीद सुखदेव सिंह कॉलेज के निकट वेंकटेश्वर अस्पताल का निर्माण प्रमुख स्रोत है. इसके समाधान के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, एमसीडी की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 4 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है.


12.  विवेक विहार 


योजना विहार की सोसायटियों में निर्माण और विध्वंस गतिविधि, बी-ब्लॉक, झिलमिल में टूटी सड़कों के कारण सड़क पर धूल का उड़ना, बी-1/53 झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र के पास कचरा सी एंड डी अपशिष्ट डंपिंग, रेलवे रोड (झिलमिल अंडरपास) के पास सड़कों भारी जाम वायु प्रदूषण का स्रोत है. इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 4 मोबाइल एंटी स्मोग गन लगाई गई है.


13. वजीरपुर 


बायोमास वर्निग, जाम की समस्या, खुले में मिट्टी की डम्पिंग, सड़कों पर गढ्ढे, निर्माण कार्य वायु प्रदूषण का स्रोत है. इसके समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है. यहां 6 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक हॉटस्पॉट के लिए 13 कोर्डिनेशन टीमें बनाई गई हैं, जिसमें एमसीडी के डीसी को नोडल पॉइंट बनाया गया है. सभी हॉटस्पॉट के लिए अलग अलग डीपीसीसी के इंजीनियर को लगाया गया है. साथ ही डस्ट प्रदूषण कम करने के लिए हॉटस्पॉट में 60 एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं.


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