Delhi News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आरोप लगाया है कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) से लड़ने के प्रयासों में नौकरशाही बाधा बन रही है. सूत्रों के मुताबिक, सीएम केजरीवाल ने एलजी विनय सक्सेना (Vinai Saxena) से सिफारिश की है कि सरकार के प्रयासों में बाधा डालने वाली नौकरशाही पर कार्रवाई में तेजी लाने के लिए डीपीसीसी अध्यक्ष अश्विनी कुमार (Ashwini Kumar) को तत्काल निलंबित करना चाहिए.
सीएम केजरीवाल से पहले पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जनहित के प्रति लगातार ऑर्डर फॉलो ना करने और ढिलाई बरतने पर डीपीसीसी अध्यक्ष को तत्काल निलंबित करने का सुझाव दिया था. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि डीपीसीसी के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए आईआईटी कानपुर के रियल टाइम सोर्स अपार्टमेन्ट अध्ययन का भुगतान रोक दिया है जबकि ये कैबिनेट के फैसले का उल्लंघन था. एक अन्य मामले में डीपीसीसी अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने सुप्रीम कोर्ट और कैबिनेट के फैसले का उल्लंघन करते हुए स्मॉग टावरों के कामकाज को रोकने का आदेश भी दिया.
दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी गंभीर
सीएम केजरीवाल ने एलजी से यह शिकायत ऐसे वक्त में की है जब सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाई है और कहा कि पराली जलाने पर रोक लगाई जाए. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि हर वक्त राजनीति नहीं की जा सकती. बता दें कि पंजाब में भी आम आदमी पार्टी (AAP) की ही सरकार है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी गंभीर श्रेणी में बनी हुई है जिसको लेकर स्कूलों में पढ़ाई ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन कर दी गई है और अब सरकार ऑड-ईवन प्रणाली भी लागू करने जा रही है.
बीजेपी के निशाने पर है दिल्ली की सरकार
उधर, प्रदूषण को लेकर दिल्ली की सरकार विपक्ष के निशाने पर है. पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने दावा किया है कि पंजाब में पराली जलाने के मामले में पिछले साल के मुकाबले 700 फीसदी की वृद्धि हुई है.