Delhi Air Pollution News: दिल्ली के आनंद विहार इलाके में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने ड्रोन से मिस्ट स्प्रे (पानी की फुहार) मुहिम की शुरुआत की. इसका मकसद इस बात का पता लगाना है कि क्या मिस्ट स्प्रे के जरिए वायु प्रदूषण को कम करना संभव है? यह प्रयोग दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के मॉनिटरिंग स्टेशन के 100 वर्ग मीटर के दायरे में किया जा रहा है.
दिल्ली सरकार द्वारा मिस्ट स्प्रे का पहला प्रयोग आनंद विहार इलाके में शनिवार की दोपहर 12 से शाम छह बजे के बीच किया गया. प्रयोग के दौरान ड्रोन ने चार बार उड़ान भरी और मिस्ट स्प्रे किया. मिस्ट स्प्रे करने के बाद पीएम 2.5 का स्तर 118 से 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मापा गया, जो मिस्ट स्प्रे की शुरुआत से पहले के दिनों की तुलना में कम था. मिस्ट स्प्रे से पहले आनंद विहार में पीएम-10 का स्तर 293 से 376 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था.
सप्ताह भर चलेगा मिस्ट स्प्रे
विभागीय सूत्रों के मुताबिक मिस्ट स्प्रे एक सप्ताह तक चलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन जितने दिन उड़ेगा, उसके डाटा के विश्लेषण के आधार पर सही नतीजे तक पहुंचा जा सकेगा.
कैसे होता है मिस्ट स्प्रे?
ड्रोन के वाटर टैंक में 15 लीटर पानी आता है, जिससे आठ मिनट तक मिस्ट स्प्रे किया जा सकता है. ड्रोन में छह नोजल लगे हैं, जिनसे 100 माइक्रोन स्प्रे एक समय होता है. स्प्रे के लिए नोजल को 200 माइक्रोन तक सेट किया जा सकता है.
पहले दिन ड्रोन ने कम भरी उड़ान
बैटरी चार्ज होने पर ड्रोन तीन से चार बार मिस्ट तक स्प्रे करने के लिए उड़ान भर सकता है. इसे चार्ज होने में तीन से चार घंटे लगते हैं. कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि शनिवार को एक ही बैटरी थी, जोकि ठीक से चार्ज नहीं हो पाई, इसलिए ड्रोन ने कम बार उड़ान भरी.
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