Delhi News: वायु गुणवत्ता पर केंद्रीय आयोग ने चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के पहले चरण को लागू करने के बाद से वायु प्रदूषण से संबंधित कानूनों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 24 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का आदेश जारी किया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा 6 अक्टूबर को एनसीआर में जीआरएपी के इन उपायों को लागू किया गया था.


24 फैक्टरियां बंद
सीएक्यूएम ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि तब से एनसीआर में औद्योगिक क्षेत्रों और निर्माण परियोजनाओं में आयोग द्वारा चोरी से कुल 472 निरीक्षण किए गए और 52 घोर उल्लंघन करने वाली इकाईयों और परियोजनाओं को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं. सीएक्यूएम ने कहा, घोर उल्लंघन करने वाली 24 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं. इनमें से पांच औद्योगिक इकाईयां अभी भी कोयले और अन्य अस्वीकृत प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग करती पाई गईं.


पराली जलाने से हवा हुई खराब
सर्दियों और खेतों में पराली जलाने के कारण एनसीआर में प्रतिकूल जलवायु और मौसम संबंधी परिस्थितियों ने क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालना शुरू कर दिया है. हऱ्ते के अंत तक हवा की गुणवत्ता खराब होने का पूर्वानुमान जताते हुए सीएक्यूएम ने बुधवार को प्राधिकारों को जीआरएपी के ‘दूसरे चरण’ को लागू करने का निर्देश दिया था. इसमें स्थिति की गंभीरता के हिसाब से राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण रोधी उपायों की सूची है.


इन चीजों के इस्तेमाल पर भी लगा रोक
दूसरे चरण की योजना में होटल, रेस्तरां और भोजनालयों में ईंधन के लिए कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता के आधार पर जीआरएपी को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है. चरण एक को ‘खराब’ वायु गुणवत्ता (वायु गुणवत्ता सूचकांक 201-300) के मामले में लागू किया जाता है. ‘बहुत खराब’ (एक्यूआई 301-400) के लिए चरण दो, चरण तीन ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450) के लिए और चरण चार ‘गंभीर प्लस’ (एक्यूआई 450 से अधिक) के लिए लागू किया जाता है.


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