'बीजेपी शासित राज्य दिल्ली में डीजल बसें भेजकर बढ़ा रहे प्रदूषण', गोपाल राय ने लगाया आरोप
Delhi Pollution: एनसीआर से सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-चार डीजल बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है. गोपाल राय ने आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझकर दिल्ली में डीजल बसें भेज रही है.
Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. जहां एक तरफ बीजेपी पॉल्यूशन के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेर रही है, वहीं दूसरी तरफ आतिशी सरकार दिल्ली में बीजेपी शासित राज्यों से आने वाली डीजल गाड़ियों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है.
दिल्ली में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे बीजेपी शासित पड़ोसी राज्यों पर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में बीएस चार डीजल बसें भेजकर प्रदूषण समस्या को बढ़ाने का आरोप लगाया. दिल्ली सरकार ने GRAP तीन के तहत बीएस तीन पेट्रोल और बीएस चार डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर बसों की चेकिंग के दौरान गोपाल राय ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से आने वाली डीजल बसों के बारे में कहा कि ये बसें प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से जारी ग्रैप तीन दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं.
'पड़ोसी राज्य हमारी कोशिशों को कर रहे कमजोर'
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाली ऐसी बसों के चालान किए हैं. गोपाल राय ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं, लेकिन पड़ोसी राज्य, खासकर बीजेपी शासित राज्य, इन प्रयासों को कमजोर कर रहे हैं.
'जानबूझकर डीजल बसें भेज रही बीजेपी'
गोपाल राय ने कहा, "भाजपा सरकार जानबूझकर डीजल बसें भेज रही है, जो वर्तमान दिशा-निर्देशों के तहत प्रतिबंधित है. इससे दिल्ली की वायु प्रदूषण समस्या और बदतर हो रही है." उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का 70 प्रतिशत वायु प्रदूषण शहर के बाहर के स्रोतों से उत्पन्न होता है और पड़ोसी राज्य भी इस समस्या में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
प्रदूषण से निपटने के प्रयासों के तहत, राय ने घोषणा की कि प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग की कुल 84 प्रवर्तन टीम और यातायात पुलिस की 280 टीम तैनात की गई हैं. ये टीम शहर में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाहनों के इस्तेमाल को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, उल्लंघन के लिए 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है.
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