(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Pollution: केजरीवाल सरकार को नहीं मिल रहा IAS Officer का सहयोग! खफा गोपाल राय ने CM को पत्र लिख की ये मांग
Delhi Air Pollution: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण को लेकर अनभिज्ञता और अधिकारियों के बैठक में न आने से बेहद खफा दिखे. उन्होंने सीएम से सक्षम अधिकारियों को नियुक्त् करने की मांग की.
Delhi News: दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) जानलेवा स्तर तक पहुंच गया है. प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ग्रैप टू के सख्त नियम लागू कर दिए हैं. साथ ही सोमवार को प्रदूषण को लेकर आपात बैठक भी बुलाई थी. इस बैठक में सभी मंत्रालयों के सचिवों को बुलाया गया था, लेकिन अधिकांश सचिव बैठक में शामिल नहीं हुए. हद तो तब हो गई जब पर्यावरण मंत्रालय के सचिव और क्षेत्रीय कमिश्नर भी इसमें शामिल नहीं हुए. अधिकारियों के इस रवैये से खफा गोपाल राय (Gopal Rai) ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को चिट्ठी को लिखी है. उन्होंने सीएम से अपने पत्र के जरिए वायु प्रदूषण के मुद्दे पर संवेदनशील अधिकारियों को नियुक्त करने की अपील की है.
NCCSA की बैठक बुलाने की मांग
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस मुद्दे के समाधान के लिए जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की बैठक बुलाने की उन्होंने मांग की है. बता दें कि एनसीसीएसए स्थानांतरण, तैनाती और अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित सेवा मामलों पर निर्णय लेता है.
नौकरशाहों की अनभिज्ञता पर जताई नाराजगी
दरअसल, दिल्ली में वायू प्रदूषण के बेहद खराब स्तर को देखते हुए गोपाल राय ने विभिन्न विभागों के साथ सोमवार को बैठक बुलाई थी. बैठक के बाद उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि कई विभाग प्रमुख बैठक में शामिल नहीं हुए और अन्य वरिष्ठ अधिकारी वायु की बिगड़ती गुणवत्ता और प्रदूषण से निपटने के लिए उनके विभाग द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अनभिज्ञ दिखे.
सीएम अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में गोपाल राय ने कहा के पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव ए के सिंह, डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) के अध्यक्ष और राजस्व विभाग के प्रधान सचिव अश्विनी कुमार और परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा आज महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि उनकी अनुपस्थिति के कारण अहम फैसले लेना और उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाता है.
सक्षम अधिकारियों को दे प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी
गोपाल राय ने ये भी कहा कि इसलिए मेरा अनुरोध है कि प्रदूषण की गंभीर स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण की एक बैठक बुलाई जाए और ऐसे अधिकारियों को नियुक्त किया जाए, जो प्रदूषण के मुद्दे पर संवेदनशील हों और प्रदूषण को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर सकें.
क्या अधिकारियों के लिए प्रदूषण गंभीर मसला नहीं?
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बैठक के दौरान बताया कि पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले महीने में प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा लेकिन संबंधित विभागों के एचओ एलडी की अनुपस्थिति ये दर्शाती है कि उनके लिए अभी प्रदूषण प्राथमिक मुद्दा नहीं है. गोपाल राय ने उच्चाधिकारियों से निवेदन किया कि वे पर्यावरण प्रदूषण के मुद्दे को अपनी प्राथमिकता में रखकर आगामी एक महीने काम करें क्योंकि जब तक सीनियर अधिकारी सक्रिय नहीं होंगे, तब तक विभाग से काम करवाना बहुत मुश्किल होगा. ग्रेप के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू हो गई हैं. उसके क्रियान्वयन के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है. कई बार यह देखने में आता है कि आदेश हो जाता है, किंतु उसका क्रियान्वयन नहीं हो पाता है.