Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) पिछले कुछ दिनों से गंभीर समस्या बनी हुई है. इस बीच आप सरकार में कार्यरत वरिष्ठ नौकरशाह अश्वनी कुमार (IAS Ashwani Kumar) द्वारा दिल्ली पाल्यूशन को लेकर जारी रिएयल टाइम स्टडी (Real Time Study) पर रोक लगाने पर मंत्री आंतिशी (Atishi) ने सख्त नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि अश्वनी कुमार ने यह निर्णय लेने से पहले सरकार में किसी से बात नहीं की. हमें जानकारी भी नहीं दी गई. 


आतिशी के मुताबिक दिल्ली सरकार को आईआईटी कानपुर से पता चला कि उनका पेमेंट रोक दिया गया है. कई अधिकारी पिछले दिनों प्रदूषण को लेकर बुलाई गई मीटिंग में नहीं आए. अधिकारियों को लगता है कि वे चुनी हुई सरकार की बात मानें न मानें, उनका कुछ नहीं होगा. इसी मुद्दे को हमने कोर्ट के सामने भी उठाया है. पहली बार ऐसा हुआ है कि कैबिनेट के फैसले को भी अधिकारी ने पलट दिया है.


रिएल टाइम स्टडी जरूरी


आतिशी का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार आठ साल से काम कर रही है. कई रिपोर्ट भी आई हैं कि प्रदूषण लगातार कम हुआ है, लेकिन एक बाधा है कि हमारे पास आधिकारिक डाटा उपलब्ध नहीं है कि किस कारण कितना प्रदूषण होता है. इसी समस्या के समाधान के लिए हमने निर्णय लिया था कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर रियल टाइम स्टडी हो. अभी तक की स्टडी में बहुत जरूरी बातें सामने आई हैं. इसी स्टडी से पता चला कि सेक्यूरिटी गार्ड्स द्वारा जलाई जाने वाली अंगीठी भी सर्दियों में प्रदूषण का बड़ा कारण है. आनंद विहार में सबसे बड़ा कारण गाड़ियां हैं जबकि वजीरपुर में इंडस्ट्री. 


अश्वनी कुमार तय करेंगे IIT की स्टडी हो या नहीं!


उन्होंने कहा कि नवंबर 2022 में स्टडी के लिए सेटअप तैयार हो गया. स्टडी भी शुरू हो गई लेकिन जब दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है और प्रदूषण से परेशान लोग अस्पताल जा रहे हैं. ऐन मौके पर अश्वनी कुमार ने स्टडी रोक दी. उन्होंने संबंधित एजेंसी से कह दिया कि 2 करोड़ का पेमेंट नहीं करेंगे. उनके इस फैसले से दस करोड़ के इक्यूपमेंट बेकार पड़ गए. उन्होंने पूछा है कि क्या अब आईएएस अश्वनी कुमार यह तय कर सकते हैं कि आईआईटी की स्टडी होनी चाहिए या नहीं?


यह मामला NCCSA में जाएगा


यह पहला मौका नहीं है जब कैबिनेट का निर्णय रोका गया. जब से राष्ट्रीय राजधानी संशोधन बिल आया है तभी से वरिष्ठ अधिकारी लगातार चुनी हुई सरकार के निर्णय रोक और पलट रहे हैं. अश्वनी के इस रुख के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अश्वनी कुमार के सस्पेंशन की मांग की है. उन्होंने कहा है कि अब यह मामला NCCSA में जाएगा. वहां से रिकमेंड होकर उपराज्यपाल के पास जाएगा. मुझे लगता है कि एलजी को दिल्ली वालों की चिंता और वे अश्वनी कुमार को सस्पेंड करेंगे.


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