Delhi Pollution: दिल्ली में ग्रैप-4 लागू रहने पर स्कूल खुलेंगे या नहीं! AQM कमेटी लेगी फैसला
Delhi Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्टमें कहा कि वायु प्रदूषण की स्थिति अभी भी बहुत खराब है. कई प्वाइंट्स पर बैरिकेड तक नहीं थे तो कई प्वाइंट्स पर स्टाफ नहीं था.
Delhi Pollution News: दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल ग्रैप-4 लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि अभी हालात ऐसे नहीं हैं कि इसमें राहत दे दी जाए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट कमेटी से यह जरूर कहा है कि वो मंगलवार तक तय करें कि क्या स्कूल खोले जा सकते हैं या पढ़ाई ऑनलाइन ही होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट कमेटी इस पहलू पर भी गौर फरमाने को कहा कि क्या कोई ऐसा तरीका हो सकता है, जहां पर जो बच्चे घर से पढ़ाई कर सकते हो, वह घर से ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करें. जिन बच्चों के पास वह सुविधा नहीं है, वह स्कूल जा सकें.
'न तो बैरिकेड न ही सिपाही मिले तैनात'
इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी. रिपोर्ट में कहा गया कि वायु प्रदूषण की स्थिति अभी भी बहुत खराब है. कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कई प्वाइंट्स पर बैरिकेड तक नहीं थे तो कई प्वाइंट्स पर स्टॉफ नहीं था. कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि ट्रकों की जांच निजी ऑपरेटरों द्वारा की जा रही थी. फिर इस काम के लिए कोई अलग पुलिस बल नहीं सौंपा गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 18 से 23 नवंबर तक दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और ऐसे ट्रकों के प्रवेश की अनुमति दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते थे कि क्या ऐसे चेक पोस्ट हैं जो ऐसे ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाते हैं? कोर्ट कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली सरकार परिवहन विंग से कोई कर्मी नहीं था चेकिंग हो रही थी, लेकिन यह कितनी प्रभावी थी यह देखना होगा.
पुलिसकर्मियों की जान को खतरा
कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रकों को रोकने के लिए बीच सड़क पर पुलिस वाले कूद रहे थे, जिससे पुलिस कर्मियों की भी जान को खतरा हो सकता है, क्योंकि वहां पर किसी तरह कि बैरिकेडिंग नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हम ऐसे सभी दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ धारा 14 का मुकदमा चलाने का निर्देश देंगे जिन्होंने इसका उल्लंघन किया है.
लाखों बच्चों को नहीं मिल पा रहा मिड डे मील
सुप्रीम कोर्ट ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमेटी से कहा कि वह प्रदूषण के स्तर को देखते हुए उन विकल्पों पर विचार करें जिससे कि यह देखा जा सके कि कैसे शिक्षण संस्थानों को खोलना है? शिक्षण संस्थान नहीं खुलने की वजह से लाखों की संख्या में ऐसे बच्चे भी हैं जिनको मिड डे मिल भी नहीं मिल पा रहा. कमीशन यह भी देखे कि क्या 10वीं और 12वीं क्लास के छात्रों के लिए स्कूल (फिजिकल एजुकेशन) खोला जा सकता है या नहीं. अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 3.30 बजे होगी.
LG ने दी दिल्ली लीगल मेट्रोलॉजी रुल्स 2011 को मंजूरी, अब व्यापारियों ने की घटतौली तो खैर नहीं