Delhi Pollution: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. बाहर ही नहीं बल्कि घरों के अंदर भी प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि कम आय वाले और अधिका आय वाले लोगों के घरों में पॉल्यूशन WHO की सेफ लिमिट से 23 से 29 गुना ज्यादा है. 


अमीर 13 गुना ज्यादा करते हैं खर्च
रिसर्च में दावा किया गया है कि ज्यादा आय वाले घरों में साफ सफाई के लिए कम आय वालों की तुलना में 13 गुना ज्यादा खर्चा किया जाता है, बावजूद इसके ऐसे घरों में पॉल्युशन 10 फीसदी ही कम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय की गई सेफ लिमिट 10 MGCM है.


अमीर-गरीब, किसी के घर में नहीं साफ हवा 
अगर आसान भाषा में समझें तो दिल्ली में अमीर और गरीब किसी के भी घर में साफ हवा नहीं है. एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की रिसर्च में ये भी कहा गया कि दिल्ली में रहने वाले लोग घरों में मौजूद प्रदूषण को लेकर जागरुक भी नहीं है. वे घर में आकर खुद पॉल्यूशन से सेफ महसूस करते हैं. इसके लिए लोगों को अवेयर करना बहुत जरूरी है.  


दो साल तक हुई स्टडी
रिसर्च के मुताबिक साल 2018 से 2020 के दौरान राजधानी के हजारों घरों में यह स्टडी हुई. रिसर्च में दिल्ली के घरों में अलग-अलग आय वर्ग के लोगों के घरों के अंदर के पॉल्यूशन की मॉनिटरिंग की गई. जिसमें ये पता चला कि यहां सुबह और शाम के वक्त घरों में ज्यादा पॉल्यूशन होता है क्योंकि इस वक्त घरों में खाना बनाया जाता है. 


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