Delhi Pollution: दिल्ली के यमुना में पहले दिखा जहरीला झाग, अब खतरनाक स्तर पर पहुंचा अमोनिया गैस का लेवल
Yamuna Water Pollution: विशेषज्ञों का कहना है कि जहरीला झाग मुख्य रूप से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले कचरे के कारण उत्पन्न हो रहा है. यमुना में आज भी जहरीली झाग का असर कालिंदी कुंज में दिखा.
Delhi Yamuna Water Pollution: दिल्ली में सर्दी का मौसम शुरू होते ही वायु प्रदूषण के साथ यमुना के पानी में प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. पिछले कुछ दिनों से यमुना चारों तरफ झाग ही झाग नजर आ रहा है. खासतौर पर कालिंदी कुंज घाट पर यह समस्या अपने चरम पर पहुंच चुकी है.अब तो यमुना के पानी अमोनिया गैस की मात्रा में बढ़ोतरी से वो जहरीला हो गया है.
इस मसले पर विशेषज्ञों का मानना है कि जहरीला झाग मुख्य रूप से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले कचरे के कारण उत्पन्न हो रहा है. दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में गुरुवार (24 अक्टूबर) को भी यमुना नदी की सतह पर जहरीला झाग तैरता हुआ देखा गया.
#WATCH | Delhi | Toxic foam seen floating on the Yamuna River in Kalindi Kunj, as pollution level in the river continues to remain high.
— ANI (@ANI) October 24, 2024
(Drone visuals shot at 7:40 am) pic.twitter.com/cENTS5BjCO
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा था कि कालिंदी कुंज बैराज पर हरियाणा-उत्तर प्रदेश के उद्योगों से आ रहा जहरीला पानी यमुना को प्रदूषित कर रहा है. इससे नदी में झाग बन रहा है.
उन्होंने कहा, '22 अक्टूबर से वजीराबाद बैराज पर यमुना में जो पानी भेजा जा रहा है, उसमें अमोनिया का स्तर काफी बढ़ गया है. मंगलवार शाम तक अमोनिया का स्तर 3 पीपीएम पर पहुंच गया था. अमोनिया के इस स्तर पर पहुंचने के कारण वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर पानी ट्रीट नहीं किया जा सकता है.'
वाटर सप्लाई प्रभावित
उन्होंने कहा कि हरियाणा द्वारा डीडी-2 और डीडी-8 ड्रेन से यमुना में भेजे जा रहे प्रदूषित पानी के कारण आज वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सभी में पानी का उत्पादन प्रभावित हुआ है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली में गुरुवार को भी प्रदूषण का स्तर अधिक रहा और राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 328 दर्ज किया गया और सुबह के समय ‘स्मॉग’ (प्रदूषण के कारण धुंध) की परत छाई रही.
वायु गुणवत्ता को चार विभिन्न चरणों में वर्गीकृत किया जाता है. पहला चरण ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300), दूसरा चरण ‘बहुत खराब’ (एक्यूआई 301-400), तीसरा चरण ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450) और चौथा चरण ‘अत्यंत गंभीर’ (एक्यूआई 450 से अधिक) श्रेणी का होता है.
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