Delhi Power Supply: दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का दौर जारी है. इस तेज गर्मी के बीच बिजली की खपत में तेजी आई है. अगर दिल्ली की बात करें तो यहां हर दिन बिजली की मांग बढ़ रही है. हाल ही में दिल्ली में बिजली की डिमांड आठ हजार मेगावाट की हो गई थी. वहीं बिजली विभाग ने दावा किया है कि विभाग द्वारा दिल्ली में मांग के मुताबिक बिजली का आपूर्ति की जा रही है.


यूपी के मन्डोला स्थित नेशनल पावर ग्रिड आग लग जाने की वजह से ठप पड़ गया है, जिसका बड़ा असर देश की राजधानी दिल्ली में पड़ा है. साउथ दिल्ली, आईटीओ जैसे पॉश इलाके समेत दिल्ली के कई इलाकों में आज दोपहर से ही बिजली गुल है और लोग परेशान हो रहे हैं. मंडोला पावर ग्रिड से राजधानी को 1500 मेगावाट बिजली मिलती है, जो दिल्ली की बिजली खपत को पूरा करने में अहम योगदान देती है.


ये कंपनियां सप्लाई करती हैं दिल्ली को बिजली
दिल्ली की बिजली की इस जरूरत को बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड दिल्ली की बिजली की इस जरूरत को बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन मिल कर पूरा करती है. जहां बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड दिल्ली को 3404 मेगावाट बिजली सप्लाई करती है तो वहीं, बीईसीईए यमुना पावर लिमिटेड से 1728 मेगावाट और टीपीडीडी 2225 मेगावाट बिजली दिल्ली को देती है.


दिल्ली में हर दिन कितनी है बिजली डिमांड
दिल्ली की हर दिन की अधिकतम खपत 7700 मेगावाट है. हालांकि ये भीषण गर्मी के चलते आठ हजार मेगावाट तक पहुंच गई. विभाग का दावा है कि हम बिजली की डिमांड को पूरा कर रहे हैं.


हालांकि, पीक ऑवर में दिल्ली की इस उच्चतम मांग के बावजूद दिल्ली में पावर कट की समस्या नहीं रही है, लेकिन नेशनल पावर ग्रिड के ठप पड़ने से राजधानी के कई इलाके अंधेरे में डूबे हुए हैं. दिल्ली सत्कार की मंत्री आतिशी ने राजधानी दिल्ली में बिजली को लेकर उत्पन्न हुई इस समस्या को गंभीर करार दिया. उन्होंने कहा कि वे अन्य बिजली कंपनियों के श्रोत से इसे लिंक करने की कोशिश में लगी हैं ताकि इस पावर कट की समस्या को यथाशीघ्र दूर किया जा सके.


बात करें वर्तमान में दिल्ली की बिजली खपत की तो, वर्तमान में दिल्ली में बिजली की औसत खपत साढ़े 7 हजार मेगावाट के आसपास है. हालांकि, जिस तरह से गर्मी अपना कहर ढा रही है, उससे ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्दी ही पीक ऑवर में दिल्ली में बिजली की खपत 8200 मेगावाट तक पहुंच सकती है.


दिल्ली को कहां से मिलती है कितनी बिजली?
दिल्ली को सबसे अधिक बिजली NTP दादरी (756 मेगावॉट) और एनटीपीसी दादरी-2 (728 मेगावॉट) से मिलती है, इसके बाद दूसरा नंबर झज्जर थर्मल पावर प्लांट का आता है. यहां से दिल्ली को 693 मेगवॉट बिजली की मिलती है. इसके अलावा सासन से 446 मेगावॉट, एनटीपीसी रिहंद से 358 मेगावॉट, एनटीपीसी सिंगरौली से 300 मेगावॉट, कहलगांव से 157 मेगावॉट, एसजेवीएनएल नाथपा झाकरी से 142 मेगावॉट, एनटीपीसी ऊंचाहार से 100 मेगावॉट के साथ ही कुछ अन्य पावर प्लांट से भी से बिजली मिलती है. 


वहीं, दिल्ली के रिठाला में 94.2 मेगावॉट, राजघाट में 135 मेगावॉट, गैस टर्बाइन में 270 मेगावॉट, प्रगति स्टेज-1 मे 330 मेगावॉट और बवाना में 1372 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है. इसके अलावा तिमारपुर ओखला वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड, दिल्ली म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड और ईस्ट दिल्ली वेस्ट प्रोसेसिंग कंपनी लिमिटेड मिलकर 40 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करती है. जो दिल्ली की कुल आवश्यकता से काफी कम है.


बता दें की, दिल्ली में डॉमेस्टिक और कॉमर्शियल दोनों ही प्रकार  के उपभोक्ता हैं. जिनमे सबसे ज्यादा खपत घरेलू उपभोक्ता करते हैं.


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