Delhi News: कभी दिल्ली की लाइफ लाइन रही डीटीसी (DTC) की बसें मेट्रो की शुरुआत के बाद यात्रा के लिए दूसरी पसंद बन गई. मेट्रो का आरामदायक सफर दिल्ली वासियों के लिए मुख्य सार्वजनिक परिवहन बन गया. इसके सुगम और तेज यात्रा सुविधा के कारण निजी वाहनों से चलने वाले लोग भी मेट्रो में सफर करने लगे, जिससे दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव थोड़ा कम हुआ है, लेकिन इसमें काफी भीड़ होने के चलते अब निजी वाहन स्वामी वापस से अपने वाहनों से यात्रा को तरजीह देने लगे हैं.


इसे देखते हुए दिल्ली सरकार लंबे समय से प्रीमियम बस को चलाने की योजना पर काम कर रही थी. इसकी आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा कर दी है. इसके जल्दी ही दिल्ली की सड़कों पर रफ्तार भरने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है. कैसी होगी यह प्रीमियम बस, क्या सुविधाएं मिलेंगी लोगों को और यात्रा के लिए जेबें कितनी ढीली करनी पड़ेंगी? हम आपको सबकुछ बताने जा रहे हैं.


सीटों की संख्या के अनुसार की सवार होंगे यात्री


दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को जिस प्रीमियम बस एग्रिगेटर स्कीम 2023 को मंजूरी दी है, उसके तहत निजी कंपनियों को बसों को चलाने का लाइसेंस दिया जाएगा, जो इसके रूट के साथ किराए तक का निर्धारण करेंगे. खास बात यह है कि यह बस पूरी तरफ वातानुकूलित होगी और घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से ही इसकी बुकिंग की जा सकेगी.


इस बस में उतने ही यात्री सवार हो सकेंगे, जितनी उसमें सीटें होंगी. मतलब बस में खड़े होकर यात्रा नहीं की जा सकेगी, जिससे बस में भीड़ भी नहीं होगी. हालांकि, इसका किराया डीटीसी की बसों की तुलना में थोड़ा ज्यादा होगा. इस बस को चलाने का उद्देश्य दिल्ली की सड़कों पर निजी वाहनों के दबाव को कम करना और उन लोगों को बस यात्रा के लिए प्रेरित करना है, जो भीड़ में यात्रा करने से बचने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेते हैं.


सीएम केजरीवाल ने प्रीमियम बस को लेकर क्या कहा?


सीएम केजरीवाल ने सचिवालय में इस स्कीम को मंजूरी की घोषणा करते हुए कहा कि प्रीमियम बस सेवा शुरू होने से सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ेगा, जिससे दिल्ली में वायु प्रदूषण में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि प्रीमियम बस के लिए एग्रीगेटर स्कीम लाने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य है. सीएम ने कहा कि दिल्ली में सरकार बनाने के बाद से ही वे ट्रैफिक और वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से प्रमियम बस एग्रीगेटर स्कीम लाने की कोशिश कर रहे थे. आठ साल के लंबे संघर्ष के बाद अब ऐसा लग रहा है कि ये स्कीम जल्द ही आ जाएगी.


मंजूरी के लिए भेजा जाएगा एलजी के पास


उन्होंने बताया कि, एलजी से स्कीम का ड्रॉफ्ट मंजूर होकर आने के बाद, 29 मई को एक बार फिर इसे लोगों की प्रतिक्रिया के लिए डाला गया. इसमें लोगों की प्रतिक्रिया के बाद बहुत मामूली बदलाव किया गया है. इसे फिर से एलजी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. सीसीटीवी, वाई-फाई, जीपीएस से लैस ये बसें पूरी तरह वातानुकूलित होंगी. बस का किराया और रूट का निर्धारण एग्रीगेटर कंपनी ही करेगी. इन्हें चलाने वाली कंपनी के लिए कुछ नियम और शर्तें भी तय की गई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है. इसमें असफल होने पर उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे.


ये हैं नियम और शर्तें


●इन बसों के रूट का निर्धारण एग्रीगेटर खुद करेगा.
● जहां ट्रैफिक अधिक है, वहां ज्यादा बसें चलेंगी.
● 3 साल से ज्यादा पुरानी बस को मंजूरी नहीं दी जाएगी.
● एग्रीगेटर को 5 साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा.
● इलेक्ट्रिक बस वाले एग्रीगेटर को लाइसेंस फीस नहीं देनी होगी.
● सभी बसों में कम से कम नौ सीटें होना अनिवार्य होगा.
● ऑपरेटर के लिए बेड़े में 25 बस शामिल करना अनिवार्य.
● बनाए रूट की जानकारी दिल्ली सरकार को देनी होगी.
● एग्रीगेटर ही प्रीमियम बसों का किराया तय करेगा.
● केवल इलेक्ट्रिक बस ही बेड़े में शामिल की जाएंगी.
● नया लाइसेंस लेने के लिए 5 लाख रुपये देने होंगे.
● लाइसेंस मिलने के 90 दिनों के भीतर कम से कम 50 बसें चलानी अनिवार्य.


इनमें असफल होने पर होगी कार्रवाई


● प्रीमियम बस में कोई गड़बड़ी पाए जाने पर एक्शन.
● बताए गए दायित्वों को पूरा करने में विफल रहने पर कार्रवाई होगी.
● बस चालक का नशीली दवाओं के प्रभाव में पाए जाने पर.
● लेन ड्राइविंग नियमों का उल्लंघन या तेज गति व लापरवाही पाए जाने पर महिलाओं, दिव्यांगों, वरिष्ठजनों के साथ दुर्व्यवहार करने, या ड्राइवर द्वारा शराब अथवा नशा करके बस चलाने पर.


यात्रियों को देनी होंगी सरकार की ओर निर्धारित सुविधाएं 


इसके अलावा, कोई परमिट रद्द या निलंबित करने की किसी स्थिति में इंचार्ज ऑथॉरिटी के पास यह अधिकार होगा कि वह परमिट को रद्द करने या निलंबित करने की जगह लाइसेंस धारक से सिक्योरिटी डिपोजिट के आधे के बराबर राशि वसूल कर सकता है. बस ऑपरेटर ही बस का रूट और किराया तय करेगा, जो डीटीसी बसों के किराये से कम नहीं होगा, लेकिन बस में सरकार की ओर निर्धारित सुविधाएं यात्रियों को देनी होंगी. कंप्लेंट होने पर तत्काल कार्रवाई के लिए मानक तय किए गए हैं.


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