दिल्ली में कोरोना महामारी के बाद से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई शुरू हो गई हैं. वहीं दिल्ली के निजों स्कूलों द्वारा फीस में वृद्धि के चलते अभिभावकों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है. मंगलवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड और द्वारका में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूलों ने मनमाने ढंग से फीस बढ़ा दी है. विरोध कर रहे माता-पिताओं का कहना है कि क्या अदालत द्वारा आदेशित 15% छूट केवल वार्षिक और विकास शुल्क या ट्यूशन फीस के लिए है.
दिल्ली में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता अब चाहते हैं कि दिल्ली सरकार दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर स्पष्टीकरण दे. क्योंकि महामारी के दौरान निजी स्कूलों को वार्षिक और विकास शुल्क लेने से रोक दिया गया था. अब फिर से स्कूल खुलने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया. डीपीएस द्वारका और डीपीएस मथुरा रोड की प्रिंसिपल सुनीता तंवर और रीमा शर्मा ने टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) का इस मामले की कोई जानकारी नहीं दी है.
वहीं इस पूरे मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता और द्वारका निवासी निधि गुप्ता ने दावा किया, स्कूल ने माता-पिता से कहा कि अगर फीस का भुगतान नहीं किया गया तो उनके बच्चों को स्कूल परिसर में नहीं जाने दिया जाएगा. हालांकि स्कूल प्रशासन की तरफ से माता-पिता को लिखित में कुछ भी नहीं दिया गया था.
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इसके साथ ही निधि गुप्ता ने इस मामले को अपने क्षेत्रीय विधायक गुलाब सिंह से भी उठाने की मांग की है. डीपीएस मथुरा रोड पर माता-पिता के विरोध का दिल्ली बीजेपी ने भी समर्थन दिया. वहीं दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन की अपराजिता गौतम ने कहा, जब तक स्कूल अपनी मनमानी फीस वापस नहीं करता, तब तक हम लड़ते रहेंगे.
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