(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Omicron Variant: ओमिक्रोन खतरे के बीच दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों से जुड़ी आई है ये अहम खबर
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में तेजी आई है, जिसकी वजह से परिजन बच्चों को प्राइवेट स्कूल भेजने से डर रहे हैं. कुछ का कहना है कि प्रदूषण के कारण स्कूल को बंद नहीं करना चाहिए था.
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए पिछले महीने स्कूलों को बंद कर दिया गया था, जो एक बार फिर से खुल गए हैं. हालांकि प्राइवेट स्कूलों में कम संख्या में बच्चे पहुंच रहे हैं. दरअसल दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई है, जिसकी वजह से परिजन अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. परिजनों की सबसे बड़ी चिंता ये है कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए अभी किसी भी तरीके का वैक्सीन नहीं दिया गया है, ऐसे में वे कोई खतरा नहीं उठाना चाहते हैं.
इस बीच कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने चिंता और बढ़ा दी है. इसी वजह से परिजनों का कहना है कि वे नहीं जानते कि नया वेरिएंट बच्चों पर किसी तरह का असर डालेगा. ऐसे में बड़े बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. जबकि छोटे बच्चों के स्कूल अभी ऑनलाइन ही चल रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पुष्प विहार में स्थित बिरला विद्या निकेतन की प्रिंसिपल मीनाक्षी कुशवाहा का कहना है कि उनके स्कूल में लगभग 1900 बच्चे पढ़ाई करते हैं लेकिन गुरुवार को सिर्फ 279 छात्र ही स्कूल पहुंचे. उन्होंने कहा कि बच्चों के स्कूल नहीं आने के पीछे कोरोना वायरस एक बड़ा कारण है. साथ ही उन्होंने बताया कि सर्दियों की छुट्टी 25 दिसंबर से शुरू होने जा रही है और 4 जनवरी को खुलेगी. इस दौरान जूनियर स्कूल के बच्चों को नहीं बुलाया जाएगा.
दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में छठी क्लास में पढ़ने वाले छात्र के परिजन का कहना है कि नवंबर में स्कूल खुलने के बाद प्रदूषण के कारण सरकार को बंद नहीं करना चाहिए था. कम से कम उस समय ओमिक्रॉन का डर नहीं था. दिल्ली पब्लिक स्कूल के एक अधिकारी का कहना है कि नवंबर में कुछ बच्चे आ रहे थे लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते केस को देखते हुए अब परिजन बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. आपको बता दें कि प्रदूषण के कारण 3 दिसंबर को बंद होने के बाद अधिकांश निजी स्कूल 20 दिसंबर से फिर से खुल गए थे. वहीं जूनियर छात्रों के लिए 27 दिसंबर से स्कूल फिर से खुल सकते हैं, हालांकि शिक्षा निदेशालय की ओर से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है.
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