(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना-बेचना हुआ महंगा, सर्किल रेट पर मिलने वाली छूट आज से खत्म
Delhi Property Rate: सरकार ने कोरोना के चलते सुस्त अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और प्रॉपर्टी बाजार को आगे बढ़ाने के लिए 1 अप्रैल 2021 से 30 सितंबर 2021 तक सर्किल रेट में 20 फीसदी छूट की घोषणा की थी.
Delhi Property Circle Rate: दिल्ली में एक जुलाई से प्रॉपर्टी खरीदने के लिए जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. दरअसल दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदना एक जुलाई से महंगा हो रहा है. दिल्ली सरकार ने प्रॉपर्टी के सर्किल रेट पर दी जाने वाली छूट को खत्म कर दिया है. बीते एक साल से भी ज्यादा समय से सर्किल रेट पर दे रही 20 फीसदी की छूट मिल रही थी. दिल्ली सरकार ने 30 जून तक के लिए छूट दी थी, जिसे आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. अब एक जुलाई से दिल्ली में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के बाद रजिस्ट्रेशन कराते हुए पुराने सर्किल रेट पर ही स्टांप फीस देनी होगी.
सर्किल रेट पर छूट आगे नहीं बढ़ाई जाएगी
वहीं राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सर्किल रेट पर दी जा रही छूट आगे नहीं बढ़ाई गई है. अब पुराने सर्किल रेट पर ही प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त होगा. यह छूट तीनों तरह की आवासीय, व्यवसायिक और औद्योगिक प्रॉपर्टी पर दी गई थी. सरकार ने सर्किल रेट नहीं बढ़ाने का फैसला एक दिन में नहीं लिया है. सरकार ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त को लेकर पूरा आकलन करने के बाद यह फैसला किया है.
सामान्य होती स्थितियों के बाद फैसला
जबकि सूत्रों की मानें तो सरकार ने इसमें पाया है कि अब कोरोना के बाद से स्थितियां सामान्य हो रही हैं. अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट आई है तो छूट की जरूरत नहीं है. बता दें कि दिल्ली सरकार ने पहली बार कोरोना महामारी के चलते सुस्त अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और प्रॉपर्टी बाजार को आगे बढ़ाने के लिए 1 अप्रैल 2021 से 30 सितंबर 2021 तक सर्किल रेट में 20 फीसदी छूट की घोषणा की थी.
सरकार को हुआ ज्यादा राजस्व
यह छूट सभी प्रॉपर्टी कैटेगरी यानि आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक तीनों वर्गों में दी गई थी. उसे फिर 31 दिसंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया था. राहत जारी रखने के लिए जनवरी 2022 से फिर दूसरी बार 30 जून 2022 तक के लिए इसे बढ़ाया था. कोविड के दौरान इस छूट का फायदा भी सरकार और सामान्य लोगों को मिला था. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से 3552 हजार करोड़ का राजस्व कमाया था, वह अगले साल छूट देने के बाद 4997 हजार करोड़ हो गया.