Delhi Property Tax: दिल्ली में 'संपत्ति कर' नहीं जमा करने वालों की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें, नगर निगम ड्रोन करेगी जांच
Delhi Property Tax: अधिकारी के मुताबिक ड्रोन क्षेत्रों का बारीकी से सर्वेक्षण कर सकता है और जानकारी एकत्र कर सकता है. यह उन लोगों की पहचान करने में भी मदद करेगा जो कर का भुगतान नहीं कर रहे हैं.
Delhi Property Tax: दिल्ली नगर निगम (Delhi Nagar Nigam) ने टैक्स का भुगतान करते समय अपनी संपत्तियों के स्व-मूल्यांकन के दौरान लोगों की तरफ से प्रस्तुत विवरणों की सत्यता की जांच के लिए ड्रोन का उपयोग करने का फैसला लिया है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मथुरा रोड स्थित मोहन सहकारी औद्योगिक क्षेत्र (Mohan Cooperative Industrial Area) में सर्वेक्षण किया जा चुका है. वहीं इसके लिए लखनऊ (Lucknow) और वाराणसी (Varanasi) में इसी तरह का अभ्यास करने वाले एक संगठन की सेवाएं ली गई हैं.
सर्वेक्षण संपत्तियों के सटीक उपयोग, फर्शों की संख्या और कवर किए गए क्षेत्र को सत्यापित करने में मदद करेगा और यह भी जांच करेगा कि छत पर कोई निर्माण किया गया है या नहीं. पायलट प्रोजेक्ट के रिजल्ट के आधार पर दूसरे नियोजित क्षेत्रों के लिए निविदा जारी की जाएगी. एक अधिकारी ने कहा, "हम अपने डेटाबेस के साथ एकत्र की गई जानकारी को क्रॉस-चेक कर रहे हैं. पांच दिनों के सर्वेक्षण में हमने क्षेत्र में 347 संपत्तियों की जानकारी एकत्र की है."
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व्यापारियों ने नगर निगम पर लगाए ये आरोप
उन्होंने कहा कि ड्रोन क्षेत्रों का बारीकी से सर्वेक्षण कर सकता है और जानकारी एकत्र कर सकता है. यह उन लोगों की पहचान करने में भी मदद करेगा जो कर का भुगतान नहीं कर रहे हैं. इस बीच व्यापारियों ने नगर निगम पर उन लोगों को परेशान करने का आरोप लगाया है जो पहले से ही कर का भुगतान कर रहे हैं. उनका कहना है कि इसके बजाय डिफॉल्टरों को कर के दायरे में लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
नगर निगम के राजस्व के मुख्य स्रोतों में से एक है संपत्ति कर
ओखला इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन अरुण पोपली ने कहना है कि पिछले साल भी एमसीडी ने व्यापारियों को नोटिस जारी किए थे और इनमें से ज्यादातर निराधार थे. इस मामले को सुलझाने में हमें एक साल लग गया था. अधिकारियों ने कहा कि उन लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे, जिन्होंने अपनी संपत्ति पर विस्तार किया है और स्व-मूल्यांकन फॉर्म में इसका खुलासा नहीं किया है. एक अधिकारी ने कहा, "हम लोगों को अपने जवाब ऑनलाइन जमा करने के लिए पर्याप्त समय देंगे और उन्हें बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहेंगे. उन्होंने कहा कि संपत्ति कर नगर निगम के राजस्व के मुख्य स्रोतों में से एक है.