Delhi News: बढ़ती महंगाई के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रह रहे लोगों को झटका लग सकता है. यहां व्यावसायिक और निजी संपत्ति मालिकों को बढ़े हुए दर पर प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) देना पड़ सकता है. मिली जानकारी के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स के निर्धारण और कॉलोनियों की ग्रेडिंग के लिए पांचवीं निगम मूल्यांकन कमेटी की बैठकों का दौर जारी है. बताया गया कि रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे निगम को दिया जाएगा. अगर समिति ने प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया तो ऐसा माना जा रहा है कि निगम इस सिफारिश को स्वीकार कर सकता है.
हिन्दी अखबार दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation- SDMC) ने बताया कि इस समिति का गठन अक्टूबर 2021 में हुआ था और अब तक उसकी 16 मीटिंग्स हो चुकी हैं. रिटायर्ड अफसर आनिंदो मजूमदार की अगुवाई वाली यह कमेटी सिंगापुर, बेंगलुरु, मुंबई, पटना और अन्य शहरों के टैक्सेशन मॉडल की स्टडी कर रही है. इसके अलावा उसे उद्योग समितियों, हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री और रिहायशी इलाकों से भी कुछ आवेदन मिले हैं, जिन पर विमर्श जारी है.
अभी क्या है टैक्स की दर?
बता दें फिलहाल दिल्ली में A और B ग्रेड में हॉउस टैक्स 12% लगता है वहीं , C, D और E ग्रेड के लिए हाउस टैक्स की दर 11 फीसदी है. वहीं F,G और H ग्रेड के लिए 7 फीसदी टैक्स है. वहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी की बात करें तो इसमें सभी ग्रेड्स के लिए 20 फीसदी टैक्स रेट है.
SDMC ने जमा किया 1,081 करोड़ रुपये टैक्स
वहीं शनिवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने बताया था कि उसने इतिहास में सबसे ज्यादा संपत्ति कर संग्रह किया है. निगम ने एक बयान में कहा कि उसने 2021-22 में 1,081 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ा हासिल किया. पिछले साल यह 943 करोड़ रुपये था.
अधिकारियों के अनुसार इस साल करीब 4.65 लाख लोगों ने संपत्ति कर दाखिल किया लेकिन अभी भी कई संपत्तियों को कर के दायरे में लाया जाना बाकी है.
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