Protest Against Demoliton at Jantar-Mantar: दिल्ली (Delhi) के तुगलकाबाद (Tughlakabad), महरौली (Mehrauli) और खरक सतबरी (Kharak Satbari) (फतेहपुर बेरी) इलाके के लोग पिछले कुछ दिनों से बेघर होने के डर के साये में जी रहे हैं. इसकी वजह 11 जनवरी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओप से वहां के हजारों लोगों को जारी किया गया नोटिस है. इसमें उन इलाकों के रेजिडेंट्स को 15 दिनों के अंदर घरों को खाली करने का निर्देश दिया गया है, जिसके बाद उन घरों को गिरा दिया जाएगा. इसी को लेकर आवास अधिकारी मंच, एआईसीसीटीयू (AICCTU) और आईसा (AISA) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर अपना विरोध जाहिर किया. इसमें तुगलकाबाद, महरौली और खरक सतबरी इलाके के रहने वाले सैकड़ों लोग भी शामिल हुए.


दरअसल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने तुगलकाबाद किले के आसपास रहने वाले हजारों रेजिडेंट्स को 15 दिनों के अंदर अपने घर खाली करने या डेमोलिशन का सामना करने के लिए नोटिस जारी किया है. डेमोलिशन नोटिस तुगलकाबाद किले के आसपास के इलाकों से अतिक्रमण हटाने के लिए एएसआई को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के संदर्भ में आता है.  


एएसआई सर्वेक्षण करने में रहा विफल


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को उन इलाके का सर्वे करने को भी कहा है, लेकिन एएसआई अब तक ऐसा करने में विफल रहा है. सर्वेक्षण करने के अनिवार्य कार्य को पूरा किए बिना लोगों को डेमोलिशन का नोटिस दिया गया है. दिल्ली में लागू कानूनों के अनुसार वैकल्पिक पुनर्वास प्रदान किए बिना दिल्ली में रहने वाले किसी भी निवासी को जबरन उनके घरों से नहीं हटाया जा सकता है, लेकिन एएसआई ने एक सर्वेक्षण करने की बुनियादी न्यूनतम आवश्यकता को पूरा करने की जहमत नहीं उठाई है, जो इन निवासियों के पुनर्वास का आधार हो सकता है.


कई राजनेताओं के घर आते हैं निर्धारित क्षेत्र के अंदर


एआईसीसीटीयू के जेनरल सेक्रेटरी अभिषेक कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण करने में एएसआई की विफलता का एक कारण यह है कि केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के संसद सदस्य (दक्षिणी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र) के आवास सहित कई राजनेताओं के घर निर्धारित क्षेत्र के अंदर आते हैं, जिसके लिए सर्वेक्षण कराया जाना था. इसी तरह डीडीए की ओर से 12 दिसंबर को महरौली के हजारों रेजिडेंट्स को डेमोलिशन के नोटिस जारी किए गए हैं. ये रेजिडेंट्स बिना किसी पुनर्वास के वादे के छत विहीन होने के कगार पर हैं, जबकि 19 जनवरी को एमसीडी ने दिल्ली के वजीरपुर इलाके में बिना किसी पूर्व सूचना के कई इमारतों को गिरा दिया.


पिछले कई दशकों से इस इलाके में रह रहे हैं लोग


इस विरोध प्रदर्शन में शामिल तुगलकाबाद इलाके के निवासी राजू झा ने कहा, "हम पिछले कई दशकों से इस इलाके में रह रहे हैं. कई पीढ़ियां इस इलाके में रहती आ रही हैं, बड़ी हुई हैं और अपनी आजीविका कमाती हैं. हम जैसे लोग छत विहीन होने की कगार पर हैं, जबकि नेताओं के महल सुरक्षित हैं." वहीं खरक सतबरी से अनीता ने कहा, "हम जिस शहर में रहते हैं, वहां घर बनाना क्या अपराध है? क्या सत्ता में रहने वाली पार्टी ने चुनाव के समय बार-बार जहां झुग्गी वहां मकान का वादा नहीं किया, जबकि हजारों निवासियों को डेमोलिशन आदेश का सामना करना पड़ रहा है.


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