Delhi Government Darft PUC Policy: आपके किसी वाहन का अगर पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं बना है या फिर एक्सपायर हो गया है तो उसे जल्द से जल्द बनवा लें, क्योंकि केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी पंपों पर पेट्रोल डीजल भरवाने के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र होना अनिवार्य करने जा रही है. अनिवार्य पीयूसी के लिए दिल्ली सरकार ने पालिसी ड्राफ्ट कर ली है, इसकी जानकारी दिल्ली सरकार ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया ओअर शेयर किया है.


पीयूसी को अनिवार्य बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार ने एक ड्रॉफ्ट पॉलिसी तैयार की है. इसका उद्देश्य मुख्य रूप से राजधानी में होने वाले प्रदूषण पर काबू पाया जा सके. दिल्ली सहित उत्तर भारत को विशेष रूप से सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करता है, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) के हालिया शोधों से साफ़ हुआ है कि दिल्ली में होने वाले प्रदूषण में वाहनों का योगदान 40 फ़ीसदी है. 







 


दिल्ली में गाड़ियों के जरिये किये गए प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने पीयूसी को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है. इससे उम्मीद जताई जा रही है, गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण पर काफी हद तक काबू पाया जा सकती है. दिल्ली में जनवरी 2021 से 17 जनवरी 2022 तक 63 लाख 24 हजार 870 पीयूसी बनाए गए हैं.


पीयूसी के संबंध में दिल्ली सरकार का यह है कहना 
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि, "दिल्ली सहित उत्तर भारत को विशेष रूप से सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करता है. इस नीति के लागू होने के बाद वाहनों को पंपों पर ईंधन भरवाते समय पीयूसी प्रमाण पत्र को अनिवार्य रूप से साथ रखना होगा. इस प्रकार राज्य में हर वाहन के प्रदूषण के स्तर को समय-समय पर चैक किया जाएगा. नीति प्रभावी रूप से यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी, कि प्रदूषण करने वाले वाहन दिल्ली में ना चलें और लोग साफ़ हवा का आनंद ले सकें."


पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा कि, "दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए केजरीवाल सरकार प्रतिबद्ध है. वाहन मालिकों को अपना पीयूसीसी पेट्रोल पंप तक ले जाना होगा, अगर पीयूसीसी अमान्य पाया जाता है तो उसी पंप पर पुनः जारी करवाना होगा. उसके बाद ही उस व्यक्ति को पेट्रोल या डीजल भरवाने की अनुमति होगी."


पीयूसी प्रमाणपत्र क्या है?
प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र, वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पंजीकृत पीयूसी केंद्रों के माध्यम से जारी किया जाता है. दिल्ली में 10 जोन में लगभग 966 ऐसे केंद्र है, ये वाहनों के प्रदूषण की निगरानी और उत्सर्जन मानदंडों के अनुसार वाहनों की फिटनेस प्रमाणित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रदूषण स्तर परीक्षण निरीक्षकों द्वारा समय-समय पर जांच भी की जाती है, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि पीयूसी केंद्रों द्वारा सही प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं.


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