Delhi Politics: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को पुजारियों और ग्रंथियां को 18,000 रुपये महीना देने की योजना की घोषणा की, जिसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव (Devender Yadav) ने कहा है कि इमामों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला, जिसको लेकर अरविंद केजरीवाल के आवास पर इमामों ने प्रदर्शन भी किया. ऐसे में यह घोषणा केजरीवाल के चुनावी हथकंडे को उजागर कर रही है.
देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार पंजीकृत मस्जिदों के 150 इमामों, 58 मुअज्जिनों और गैर पंजीकृत मस्जिदों के 2000 से अधिक इमामों और मुअज्जिनों को पिछले 17 महीनों से वेतन देने में विफल रही. सरकार के मुखिया बीजेपी की राह पर चल रहे हैं. ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ की घोषणा करना दिल्ली के लोगों की धार्मिक सहानुभूति लेकर वोट बटोरने की दोहरी चाल चली जा रही है.
साजिश के तहत रोके जा रहे पैस- देवेंद्र यादव
कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल का बेरोजगारी और महंगाई पर चुप रहना और कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर के पुजारी का पंजीकरण करने जाने की बात करना पूरी तरह बीजेपी के रास्ते पर धार्मिक राजनीतिक कर लोगों की भावनाओं से खेलना है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में चुनावों में हर दिन नई घोषणा कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली की मस्जिदों के इमामों को मिलने वाले 18000 रुपये और मुअज्जिनों को मिलने वाले 16000 रुपये को साजिश के तहत 17 महीनों से रोका हुआ है.
बीजेपी और कांग्रेस का नहीं आया मेनिफेस्टो
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी चुनावी दल अपनी कोशिशें में लगे हैं और यही वजह है कि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी लगातार घोषणाएं कर रही हैं तो बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से अपनी स्ट्रेटजी बनाने को लेकर काम चल रहा है. अब तक अरविंद केजरीवाल की तरफ से कई बड़ी घोषणाएं कर दी गई हैं, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने मेनिफेस्टो जारी नहीं किया है.
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