Atishi News: दिल्ली की लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) मंत्री आतिशी ने मंगलवार को विभाग को दक्षिणपूर्व दिल्ली की मद्रासी कैंप झुग्गी बस्ती में ध्वस्तीकरण नहीं करने निर्देश दिया और ऐसा होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी. पीडब्ल्यूडी ने पिछले सप्ताह पुराने बारापुला ब्रिज क्षेत्र में नोटिस चिपकाकर वहां के लोगों से पांच दिनों में अपने घर खाली करने को कहा था.


वहीं, झुग्गी बस्ती निवासियों ने वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराए जाने तक वहां से जाने से इंकार कर दिया है. विभाग को दिये निर्देश में आतिशी ने कहा कि एजेंसी (पीडब्ल्यूडी) ने बारापुला पुल के समीप स्थित मद्रासी कैंप को खाली करने और वहां ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का नोटिस दिया है. उन्होंने कहा कि विभाग के नोटिस के संबंध में कई विसंगतियां हैं.


उन्होंने कहा कि यह डीयूएसआईबी (दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड) द्वारा अधिसूचित जे जे क्लस्टर (झुग्गी झोपड़ी बस्ती) है. इसलिए उसके बाशिंदों को किसी भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पूर्व पुनर्वास का अधिकार है. डीयूएसआईबी अधिसूचित बस्तियों की सूची दर्शाती है कि जिस जमीन पर यह जे जे क्लस्टर है वह रेलवे की जमीन है न कि पीडब्ल्यूडी की.


उन्होंने कहा कि उक्त जेजे क्लस्टर पर पीडब्ल्यूडी की ध्वस्तीकरण की कोई भी कार्रवाई ‘अवैध’ होगी. मंत्री ने कहा, ‘‘ इसलिए निर्देश दिया जाता है कि पीडब्ल्यूडी द्वारा ऐसी कोई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाए. यदि पीडब्ल्यूडी के कोई अधिकारी उक्त जेजे क्लस्टर में तोड़फोड़ करते हैं तो वे अनुशासनात्मक कार्रवाई के पात्र होंगे.’’ बाद में आम आदमी पार्टी (आप) ने इस नोटिस को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. आप की प्रमुख प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि बीजेपी गरीब लोगों की जमीन को तहस-नहस करना चाहती है. 


उन्होंने कहा कि वे गरीब-विरोधी लोग हैं और आप को बदनाम करना चाहते हैं. चाहे अदालत हो या रोड, आप हमेशा गरीब लोगों के साथ खड़ी रहेगी. आप विधायक प्रवीण कुमार ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने अधिकारियों को नोटिस चिपकाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यह जमीन रेलवे की है, लेकिन उपराज्यपाल ने पीडब्ल्यूडी पर बेदखली नोटिस चिपकाने का दबाव बनाया.


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