Delhi Murder News: दिल्ली में बदमाशों के हौंसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि उनमें जरा भी पुलिस और कानून का भय नजर नहीं रहा. वे खुलेआम खूनी खेल खेलने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला पश्चिमी दिल्ली के रघुवीर नगर इलाके में जहां, कुछ बदमाशों ने एक युवक को फिल्मी स्टाइल में दौड़ाकर उस पर ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया.
इस मामले में मृतक युवक की पहचान 23 वर्षीय लक्ष्य के रूप में हुई है. वह पार्लर एकेडमी में काम करता था और रघुवीर नगर में अपने माता-पिता के साथ रहता था.
यह घटना मंगलवार की रात 10 बजे की है. मृतक युवक के परिजनों के मुताबिक एक युवक उनके बेटे को बुलाकर ले गया. घर के पास गली में ही उस पर चाकू से हमला किया गया. वह जान बचाने के लिए भागा, लेकिन बदमाशों को उस पर तरस नहीं आई और पीछा कर उसे तब तक चाकू से गोदते रहे, जब तक उसकी जान नहीं चली गई.
खुशमिजाज लड़का था लक्ष्य
घटना के बाद से लक्ष्य के परिजनों की आंखों से बहते आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे. लक्ष्य के दिव्यांग पिता संजय का कहना है कि उसने पूरे घर की जिम्मेदारी अकेले ही संभाल रखी थी. उन्हें तो समझ ही नहीं आ रहा है कि कोई कैसे उनके बेटे की हत्या कर सकता है, जबकि उनके बेटे का किसी से कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ था. वह काफी खुशमिजाज लड़का था.
हमलावरों की पहचान में जुटी पुलिस
लोकल थाना पुलिस के मुताबिक मौके पर क्राइम टीम को बुलाकर जांच के बाद सबूतों को इकट्ठा किया गया और घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेजों को कब्जे में लेकर हमलावरों की शिनाख्त की जा रही है. पुलिस टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की तलाश में जुटी है. वहीं, युवक के रिश्तेदारों एवं दोस्तों से भी पूछताछ कर रही है. ताकि हत्या के कारण और हत्यारों के बारे में कुछ सुराग मिल सके. शुरुआती जांच के दौरान पुलिस दो नाबालिग को डिटेन कर लगातार पूछताछ कर रही है.
जन्मदिन पर पिता देने वाले थे गिफ्ट में स्कूटी
लक्ष्य अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था. बदमाशों ने लक्ष्य की हत्या कर न केवल उसकी जिंदगी बल्कि उसके मां-बाप से जिदंगी भर की खुशी छीन ली. उसे लेकर उसके परिजनों ने काफी सपने संजों रखे थे, लेकिन वे सारे सपने टूट गए. उनके घर का चिराग इतनी कम उम्र में काल के गाल में समा गया.
लक्ष्य की मां और बहन के साथ उसके पिता के आंसू भी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. पांच दिन बाद उसका जन्मदिन आने वाला है, लेकिन अब उस घर मे मातम पसरा हुआ है. उसके पिता संजय, जन्मदिन पर उसे स्कूटी गिफ्ट करने वाले थे. ताकि उसे कहीं भी आने-जाने में दिक्कत न हो, लेकिन आज वे अपने जवान बेटे की अर्थी को कांधा देकर श्मशान ले जाने की तैयार कर रहे हैं.
कौन करेगा परिवार का भरण पोषण?
घटना के बाद से ही परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. बदमाशों ने केवल उनके बेटे की जान लेकर जिंदगी भर का गम उन्हें दे दिया बल्कि उनके सामने बड़ी आर्थिक समस्या भी खड़ी कर दी. लक्ष्य के पिता दिव्यांग है. अब उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या होगा, कैसे चलेगा, परिवार भरण पोषण?
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