Delhi News: दिल्ली में नवरात्रि (Navratri) की पूजा और रामलीला (Ramlila) का दशकों पुराना इतिहास रहा है. यही वजह है कि यहां माता की पूजा और भगवान राम (Lord Ram) की लीला दोनों का ही आयोजन बड़े धूम-धाम से किया जाता है. इन आयोजनों से इस वक्त दिल्लीवासी पूरी तरह से भक्ति के रंग में रंगे हुए हैं और घर-घर से लेकर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में माता की पूजा की जा रही है. वहीं, इस भक्ति के साथ लोगों को भगवान राम की शक्ति और उनकी लीला का प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है. समय के साथ रामलीला का आयोजन और भी भव्य और शानदार होता चला गया.
यही वजह है कि यहां आयोजित होने वाली कुछ लीलाएं दिल्ली ही नहीं बल्कि देश भर में काफी मशहूर हैं और इन्हें देखने दूर-दूर से लोग आयोजन स्थलों तक पहुंचते हैं. बात करें कुछ लीलाओं की तो, पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी में होने वाली संपूर्ण रामलीला का सभी लीलाओं के बीच एक अलग ही स्थान है. यह रामलीला जनकपुरी के श्रीराम लीला कमेटी की ओर से दशहरा ग्राउंड में आयोजित की जाती है और पिछले ढाई दशक से भी ज्यादा समय से इसका आयोजन किया जा रहा है, जो समय के साथ आधुनिक और भव्य रूप में होने लगा. इस बार यहां नवरात्रि के दौरान 5 दिन लीला का मंचन किया जा रहा है. खास बात यह है कि हर दिन संपूर्ण रामलीला का मंचन यहां किया जा रहा है.
महज 3 घंटों में होता है संपूर्ण लीला का मंचन
लीला कमेटी के महामंत्री नरेंद्र कुमार चावला (पूर्व महापौर और नेता सदन, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम) और गगन सहनी ने बताया कि इस रामलीला मंचन में भगवान राम के जन्म से लेकर उनके राज्याभिषेक तक की पूरी पटकथा को महज 3 घंटों में श्रद्धालुओं के सामने प्रस्तुत किया जाता है. उनका कहना है कि आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास इतना समय नहीं होता है कि वे लगातार 10 दिनों तक लीला को देखने के लिए पहुंच सकें, इसलिए तीन घंटों में संपूर्ण लीला को दिखाया जाता है. हर साल इस लीला के 5 रिपीट शो दिखाए जाते हैं, जिसका इस साल 19 से 23 अक्टूबर तक मंचन किया जा रहा है. वहीं 24 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा.
श्रद्धालुओं को होता है त्रेतायुग की लीला का एहसास
नरेंद्र चावला और गगन सहनी ने बताया कि इस लीला के मंचन को प्रभावी और शानदार बनाने के लिए लगभग 100 कलाकार और 50 टेक्नीशियन काम करते हैं. हाई टेक साउंड डिजाइजर्स, लाइट डिजाइनर्स, स्टेज डिजाइनर्स, प्रॉपर्टी डिजाइनर्स, मेक अप डिजाइनर्स और कोरियोग्राफर इत्यादि इस पूरी लीला को भव्य और जीवंत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह लीला साक्षात त्रेतायुग युग में किया जा रहा है. यही वजह है कि प्रति वर्ष इस लीला की ख्याति बढ़ती चली गयी और यह देश की सर्वश्रेष्ठ रामलीलाओं में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हो सकी.
बॉलीवुड के मशहूर कलाकार निभाते हैं किरदार
दिल्ली में आयोजित होने वाली लीलाओं में लाल किला की लव-कुश रामलीला भी काफी विख्यात है. इसे देखने दिल्ली के आस-पास के राज्यों से हजारों लोग हर दिन लीला स्थल पहुंचते हैं. यहां आयोजित होने वाली लीला की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें लीला के अलग-अलग किरदारों को बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों की ओर से निभाया जाता है और यह काफी भव्य पैमाने पर नई तकनीकों के साथ आयोजित की जाती है. नवरात्रि के नौ दिनों में यहां रामलीला का मंचन होता है और हर बार यहां कुछ खास और अलग करने की कोशिश की जाती है.
150 फीट की ऊंचाई पर होगा राम-रावण युद्ध
लीला में इस बार किए जा रहे विशेष प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए लव-कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि इस बार राम- रावण की युद्ध को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं. इस बार के युद्ध में 150 फीट की ऊंचाई पर आकाश में दो रथ आमने-सामने होंगे. इसके लिए क्रेन की सहायता ली जाएगी. वहीं, रावण का किरदार निभाने वाले बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता मुकेश ऋषि 16 किलोग्राम वजनी वेशभूषा पहनकर युद्ध करेंगे. इस ड्रेस को खासतौर पर मुंबई में तैयार कराया गया है, जबकि युद्ध के दृश्यों को प्रभावी बनाने के लिए तलवारों में वेल्डिंग वाली रॉड लगाई जाएगी, जिनके आपस में टकराने पर चिंगारी निकलेगी. डिजिटल साउंड का इस्तेमाल किया जाएगा और थ्रीडी तकनीक से तरकश से निकले एक तीर को तीन तीरों में तब्दील किया जाएगा.
वीएफएक्स से लंका और रावण दहन बनेगा प्रभावी
वहीं शालीमार बाग रामलीला कमेटी बी ब्लॉक के प्रचार मंत्री संजय गुप्ता ने बताया कि 35 साल से रावण का किरदार निभा रहे शिव शंकर नागर इस बार 13 किलोग्राम का मुकुट पहनकर युद्ध करेंगे. इसके अलावा लंका और रावण दहन को हाइटेक वीएफएक्स तकनीक से जीवंत और प्रभावी बनाया जा रहा है.
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