साउथ ईस्ट दिल्ली की एटीएस पुलिस ने मानसिक रूप से बीमार युवती के गैंगरेप के मामले को सुलझा लिया है. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान, प्रभु माहतो, प्रमोद उर्फ बाबू और मोहम्मद शमशुल के रूप में हुई है. ये दिल्ली के कोटला मुबारकपुर, नरेला और गांधीनगर इलाके में रहते हैं. आरोपी मूलतः बिहार के मोतिहारी, यूपी के अंबेडकर नगर और बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं. इनके कब्जे से पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त ऑटो-रिक्शा, खून से सना पीड़िता कपड़े और वारदात के वक्त आरोपियों द्वारा पहने गए कपड़े आदि को बरामद किया है.


21 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आरोपियों को दबोचा


पुलिस ने आरोपियों को 21 दिनों की कड़ी मशक्कत और 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के चेककर 150 से अधिक ऑटो-रिक्शों की जांच के बाद पकड़ने में कमायाबी पाई. आरोपियों ने युवती का गैंगरेप कर उसे सराय काले खां के पास फेंक दिया था. जहां से पुलिस ने एक कॉलर की सूचना पर उसे बरामद कर उसे इलाज के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया था. पीड़िता ओडिशा की रहने वाली है और दिल्ली में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करती थी. वह मानसिक रूप से बीमार थी और अपने परिवार से संपर्क में नहीं थी.


11 अक्टूबर को पुलिस को मिली थी सूचना


डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि 11 अक्टूबर को तड़के तकरीबन 3:15 बजे पीसीआर कॉल से पुलिस को एक युवती के सराय काले खां में घायल अवस्था में पड़े होने की सूचना मिली थी. कॉलर ने बताया कि युवती घायल है और उसके शरीर से खून निकल रहा है और उसने लाल रंग का कुर्ता पहन रखा है. जिस पर तुरंत ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और उसे इलाज के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर ले गई. जहां शुरुआती इलाज के दौरान उसने डॉक्टरों को बताया कि तीन लोगों ने मिल कर उसके साथ गैंगरेप किया है. हालांकि उसके बाद पीड़िता कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं थी और डॉक्टरों ने उसे बयान देने से अनफिट घोषित कर दिया.


पुलिस की 10 टीमों का किया गया था गठन


पुलिस ने सनलाइट कॉलोनी थाना में इस बाबत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की, लेकिन पुलिस के पास तीन अज्ञात आरोपियों के वारदात को अंजाम देने के अलावा कोई भी जानकारी नहीं थी. आरोपियों का जल्द से जल्द पता लगाकर उनकी पकड़ के लिए एसीपी लाजपत नगर ऐश्वर्या सिंह और एसीपी ऑपरेशन दलीप सिंह की देखरेख और इंस्पेक्टर राजेन्द्र डागर के नेतृत्व में एसआई शुभम चौधरी, दीप्ति चौधरी, जितेंद्र, विनोद कुमार, राजबीर सिंह, एएसआई रूप सिंह, सुलेमुद्दीन, शरवन, धीर सिंह, हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र, राजेश, नीरज, महिला कॉन्स्टेबल संगीता और कॉन्स्टेबल देबानंद की टीम का गठन किया गया था.


पीड़िता ने बताई डॉक्टरों को रेप की बात


टीम ने आरोपियों की पहचान करने के लिए पुलिस ने विशेष रणनीति अपनाई. अस्पताल प्रशासन की अनुमति से पुलिस ने पीड़िता के साथ सहानुभूति बनाने के लिए एक महिला अधिकारी को सोशल वर्कर के रूप में तैनात किया और ओडिशा की एक महिला को नर्स के रूप में तैनात किया. पुलिस की इस प्रयास का सकारात्मक फल मिला और पीड़िता ने अपने साथ तीन लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किये जाने के बारे में जानकारी दी. उसने बताया कि उनमें से एक ऑटो ड्राइवर था और एक आरोपी विकलांग था.


पुलिस ने सराय काले खां से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन तक सभी सरकारी और प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों को मिलाकर 700 से भी ज्यादा सीसीटीवी फुटेजों की जांच कर उनका विश्लेषण किया, जबकि 150 से ज्यादा ऑटो-रिक्शा की जांच की गई. आखिरकार, पुलिस उस ऑटो रिक्शा का पता लगाने में कामयाब हुई जिसे 10 अक्टूबर की रात प्रभु महतो चला रहा था. पुलिस ने  उसका पता लगाकर 30 अक्टूबर को उसे दबोच लिया और उसके बाद प्रमोद उर्फ बाबू और मोहम्मद शमशुल उर्फ राजू को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकार किया.


पुलिस ने बताया कि कबाड़ी की दुकान के काम करने वाला आरोपी प्रमोद उर्फ बाबू शराब का आदी है. वह हमेशा की दुकान बंद करने के बाद शराब पी रहा था, तभी उसकी नजर पास ही बैठी एक युवती पर पड़ी. कुछ ही देर बाद, एक अन्य आरोपी मोहम्मद शमशुल जो कि एक भिखारी, शराब का आदी और शारीरिक रूप से विकलांग है.


घटनास्थल पर पहुंचा. दोनों आरोपियों ने यह सोचकर लड़की का यौन उत्पीड़न करने की साजिश रची कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है और आसान शिकार है. दोनों मिलकर उसे अपनी हवस का शिकार बनाने के लिये जबरन खींच कर सुनसान इलाके की तरफ ले जाने लगे. तभी ऑटो चालक आरोपी प्रभु महतो भी यह सब देख कर रुका और नापाक इरादे से वह भी उनके साथ शामिल हो गया. इसके बाद आरोपी प्रभु महतो ने लड़की को अपने ऑटो में जबरन बिठाया और सभी ने उसके साथ रेप किया, जिसके बाद उसे सराय काले खां में उसे फेंक कर फरार हो गए. इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है.