Delhi News: यौन शोषण (Delhi Rape Case) के आरोप में दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा के खिलाफ कथित रेप मामला दर्ज करने के बाद पुलिस (Delhi Police) ने एक नया मामला भी दर्ज (FIR) किया है. बलात्कार की शिकार नाबालिग लड़की के आरोप के बाद दिल्ली पुलिस ने यह फैसला लिया. पीड़ित लड़की ने शिकायत की थी कि कुछ अन्य लोग भी रेप करने में शामिल थे. पीड़िता की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने रेप के आरोपी कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ भी यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है. 


दिल्ली पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर) जॉय तिर्की ने कहा, ‘शिकायतकर्ता का एक नया बयान मिला है. बयान के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत न्यू उस्मानपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में आगे जांच की जा रही है.’ डीसीपी ने कहा कि, ‘जांच के दौरान शिकायतकर्ता ने खुलासा किया कि जब वह अपने परिवार के साथ न्यू उस्मानपुर इलाके में रह रही थी, तो 2018 और 2020 के बीच कुछ लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. बुराड़ी थाने के जांच अधिकारी ने इस तथ्य को न्यू उस्मानपुर थाने के संज्ञान में लाया है.’


दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा ने कथित तौर पर नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच नाबालिग से कई बार बलात्कार किया, जिससे लड़की गर्भवती हो गई. खाखा की पत्नी सीमा रानी ने लड़की को गर्भ गिराने के लिए कथित तौर पर दवाब डाला था. मामला दर्ज होने के बाद दंपति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मामला सामने आने के बाद दिल्ली सरकार ने खाखा को निलंबित कर दिया.


खाखा ने 2005 में कराई नसबंदी


अक्टूबर 2020 में अपने पिता के निधन के बाद लड़की परिवार के मित्र खाखा के आवास पर रह रही थी. आरोपी के वकील ने दावा किया कि खाखा ने नवंबर 2005 में नसबंदी कराई थी, इसलिए वह लड़की को गर्भवती नहीं कर सकता था. गिरफ्तारी के बाद अदालत ले जाने से पहले खाखा का ‘पोटेंसी टेस्ट’ कराया गया था. ‘पोटेंसी टेस्ट’ का इस्तेमाल यह साबित करने के लिए किया जाता है कि कोई व्यक्ति यौन उत्पीड़न करने में शारीरिक रूप से सक्षम है या नहीं.


कई धाराओं में दर्ज हैं FIR


खाका के खिलाफ पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एफ) (रिश्तेदार, अभिभावक, शिक्षक या विश्वास पात्र द्वारा बलात्कार और 509 (शब्द, हावभाव या ऐसा कृत्य जिसका उद्देश्य किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने) के तहत एक मामला दर्ज किया है. इस मामले में आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराना) और 120बी (आपराधिक साजिश) भी लगाई गई है.


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