Delhi Pollution: 1 अगस्त से मिलने लगेगा दिल्ली के प्रदूषण का रियल टाइम डाटा, शुरू होगा मोबाइल एप
दिल्ली में जुलाई के अंत तक सुपरसाइट की स्थापना कर काम शुरू कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हर साल 9 अक्टूबर के आसपास प्रदूषण मोडरेट श्रेणी में रहता है.
Delhi Pollution Control News: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली (Delhi) में प्रदूषण पर अंकुश लगाने (Pollution Control) की तैयारी कर ली है. दिल्ली में 1 अगस्त से प्रदूषण का रियल टाइम वास्तविक डाटा मिलने लगेगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रीयल-टाइम सोर्स अपॉर्शन्मन्ट परियोजना की समीक्षा बैठक की. बैठक में आईआईटी कानपुर की टीम ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के वास्तविक स्रोतों का पता लगाने के लिए सुपरसाइट की स्थापना जुलाई के अंत तक हो जाएगी.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इससे दिल्ली के प्रदूषण में रियल टाइम कारकों का पता लगेगा और प्रदूषण के सोर्स को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह समेत आईआईटी दिल्ली, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) की टीमें मौजूद रहीं.
जुलाई के अंत तक सुपरसाइट की स्थापना
बैठक में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश ने बताया कि सुपरसाइट की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान की पहचान हो गई है. पंडारा रोड पर सुपरसाइट स्थापित करने की योजना है. दिल्ली में जुलाई के अंत तक सुपरसाइट की स्थापना कर काम शुरू कर दिया जाएगा और ये सुपरसाइट 36 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाई जाएगी और उसकी ऊंचाई 3 मीटर होगी. उसे जमीन से करीब 9 से 14 मीटर ऊपर बनाया जाएगा. इसके साथ ही एक मोबाइल ऐप भी शुरू किया जायेगा. इसके जरिए अलग-अलग स्थानों पर प्रदूषण के कारणों का पता लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैठक में कहा कि दिल्ली में हर साल 9 अक्टूबर के आसपास प्रदूषण मोडरेट श्रेणी में रहता है.
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9 अक्तूबर के बाद प्रदूषण में होती है वृद्धि
इसके बाद अचानक से प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है. नासा के फोटो में देखने पर पता चलता है कि बड़ी संख्या में पराली जलाई जा रही होती है. जबकि आंकड़ों में बताया जाता है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली का सिर्फ 5 फीसदी हिस्सा होता है. ऐसे में दिल्ली के प्रदूषण में पराली का वास्तविक योगदान कितना होता है, इसके अलावा प्रदूषण में दूसरे कारकों का कितना योगदान होता है, इसका रियल टाइम पता लगाया जाए. उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली के प्रदूषण में रियल टाइम कारकों का पता लगेगा, जिससे प्रदूषण के सोर्स को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
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