राष्ट्रीय राजधानी में गर्मी अपना कहर ढा रही है. तपती गर्मी से एक ओर जहां लोग परेशान है वहीं इसने बीएसईएस (BSES) की भी चिंता बढ़ा दी है. बीएसईएस (BSES) के मुताबिक दिल्ली में इस साल बिजली की डिमांड ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बिजली की खपत पहले से काफी ज्यादा हो गई है. बता दें कि अप्रैल 2022 के शुरुआती 19 दिनों में बिजली की मांग 5735 मेगावाट पहुंच गई है, इससे पहले साल 30 अप्रैल 2019 में यह 5664 मेगावाट थी.
गर्मी ने बढ़ा दी बिजली की मांग
दिल्ली में गर्मी की लहर बिजली की मांग को नई ऊंचाई पर ले जा रही है. 19 अप्रैल तक दिल्ली में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 5735 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अप्रैल के महीने में अब तक सबसे ज्यादा डिमांड है.वहीं अप्रैल की शुरुआत से अब तक बिजली की मांग में 28% की वृद्धि हुई है, क्योंकि तब शहर में बिजली की चरम मांग 4469 मेगावाट थी, लेकिन अब यह बढ़कर 5 हजार मेगावाट के आंकड़ें को पार कर चुकी है.
मार्च से 42% बढ़ी है मांग
बीएसईएस के वाइस प्रेसिडेंट चंद्रा कामत के मुताबिक मार्च 2022 से ले कर अबतक दिल्ली में बिजली की मांग में 42 फीसदी का इजाफा हुआ है, क्योंकि मार्च के शुरुआती हफ्ते में बिजली की मांग 4 हजार मेगावाट थी जो अब बढ़ कर 5735 मेगावाट हो गई है. इसकी तुलना में अप्रैल में दिल्ली की चरम बिजली की मांग 2021 और 2020 में एक बार भी 5000 मेगावाट को पार नहीं कर पाई थी, 2019 के अप्रैल में इसने 5हजार का आंकड़ा पार किया था.
मार्च में कितनी थी बिजली की डिमांड
वहीं अगर मार्च महीने की बात करें तो शहर में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 31 मार्च को 4648 मेगावाट थी. यह मार्च महीने में दर्ज की गई सबसे ज्यादा बिजली की मांग है. मार्च के दौरान दिल्ली में बिजली की डिमांड 2021 में 3725 मेगावाट की मांग थी वहीं 2020 में 3775 मेगावाट और 2019 में 4016 मेगावाट थी. बीएसईएस की माने तो 2021 में दिल्ली में 7323 मेगावाट की खपत के बाद, इस बार बढ़ती गर्मी को देखते हुए दिल्ली में साल 2022 में गर्मियों के दौरान बिजली की खपत आसानी से 8 हजार मेगावाट को पार कर सकती है.