(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi: पराली जलने से हवा में घुल रहा जहर! धुंध में घिरी दिल्ली, जानें- डॉक्टर क्या दे रहे सलाह?
Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार नहीं हो रहा है. गुरुवार को कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार चला गया जिसे प्रदूषण के लिहाज से गंभीर माना गया है.
Delhi News: खेतों में पराली जलाने (Stubble Burning) की घटना बढ़ने और मौसम की प्रतिकूल परिस्थिति के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में गुरुवार को धुंध गहराया नजर आया. इस बीच डॉक्टरों ने लोगों को स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी जारी की है, उनका कहना है कि लोगों को श्वसन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक जहां 400 का आंकड़ा पार गया है वहीं मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान अगले दो सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा.
उधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब 7 बजे सफदरजंग वेधशाला में दृश्यता (विजिबिलिटी) घटकर 500 मीटर हो गई. हालांकि तापमान बढ़ने से धीरे-धीरे इसमें सुधार हुआ और दृश्यता बढ़कर 800 मीटर हो गई. वहीं, दोपहर 3 बजे तक दिल्ली में AQI 378 पर पहुंच गया. बीते एक सप्ताह के एक्यूआई की बात करें तो बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था.
इन इलाकों में गंभीर स्तर पर पहुंचा AQI
वहीं, दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई का स्तर गंभीर रहा. पंजाबी बाग में एक्यूआई 439, द्वारका सेक्टर-8 में 420, जहांगीरपुरी में 403, रोहिणी में 422, नरेला में 422, वजीरपुर में 406, बवाना में 432, मुंडका में 439, आनंद विहार 452 और न्यू मोती बाग 406 में दर्ज किया गया. मौसम विभाग के मुताबिक शून्य और 50 के बीच एक AQI को 'अच्छा' माना जाता है जबकि 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' माना जाता है.
डॉक्टर दे रहे हैं यह सलाह
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए डॉक्टरों ने चिंता जाहिर की है क्योंकि वायु गुणवत्ता खराब होने से बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा और फेफड़ों की समस्या बढ़ सकती है. उधर, सफदरजंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग के चीफ जुगल किशोर ने सुझाव दिया कि जिन्हें क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी समस्या है, उन्हें जब तक बहुत जरूरी न हो वे खुले में न जाएं. इसके साथ ही जुगल किशोर ने घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी है.
बारिश के कमी कारण भी बढ़ा प्रदूषण
मौसम वैज्ञानिक मानसून की समाप्ति के बाद बारिश न होने को भी वायु प्रदूषण का जिम्मेदार मान रहे हैं. अक्टूबर 2023 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता 2020 के बाद से सबसे खराब रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक राजधानी में अक्टूबर में एक्यूआई 210 दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल अक्टूबर में यह 210 और अक्टूबर 2021 में 173 था. बारिश की बात करें तो अक्टूबर 2022 में 129 मिलीमीटर और अक्टूबर 2021 में 123 मिलीमीटर बारिश हुए थी जबकि अक्टूबर 2023 में दिल्ली में केवल एक दिन बारिश बारिश हुई है और वह भी 5.4 मिलीमीटर रही थी.
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