Delhi News: दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) 1950 से 1960 के दौरान पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को उनकी संपत्ति का मालिकाना अधिकार दे रहा है.इस संबंध में डीडीए ने बुधवार को सार्वजनिक सूचना भी जारी की. जिसके मुताबिक  बंटवारे के दौरान जो लोग पाकिस्तान से भारत आए थे वे अपनी संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा कर सकते हैं. 


1500 से ज्यादा शरणार्थी परिवार संपत्तियों पर मालिकाना हक का दावा कर सकते हैं


बता दें कि दिल्ली में 1,500 से ज्यादा ऐसे परिवार हैं जो बंटवारे के दौरान पाकिस्तान से आए थे, जिनके पास संपत्ति का मालिकाना हक नहीं है. ऐसे परिवार अब शहर में अपनी संपत्तियों पर मालिकाना हक का दावा कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने का काम चल रहा है.


मालिकाना हक का दावा करने वालों को सर्किल रेट के मुताबिक शुल्क देना होगा


वहीं डीडीए द्वारा जारी एक सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, उस समय सरकारी जमीन पर आवासीय मकान बनाने वालों की संपत्तियों को नियमित किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, कॉलोनियों में जहां कानूनी मामले चल रहे हैं, उन्हें संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी.वहीं संपत्ति के मालिकाना हक की मांग करने वाले लोगों को सर्किल रेट के अनुसार एक निश्चित शुल्क देना होगा. इसके बाद उन्हें अप्रूव नक्शे के आधार पर निर्माण का अधिकार भी मिल सकेगा.


गौरतलब है कि हाल ही में, दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) द्वारा अक्टूबर में इसी तरह का प्रस्ताव पारित करने के बाद, दरियागंज में परदा बाग क्षेत्र की 50 से ज्यादा संपत्तियों को स्वामित्व का लाभ दिया गया था.


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