Delhi Riots 2020: दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी हिस्से में फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक नर्सिंग होम में आग लगाने के आरोप से पांच आरोपियों को मुक्त कर दिया. हालांकि, अदालत ने कहा कि वे दंगा करने के आरोप पर मुकदमे का सामना करेंगे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल (Pulastya Pramachala) ने मंगलवार को पारित आदेश में कहा, "मुझे लगता है कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 436 का कोई स्पष्ट अपराध नहीं बनता है. लिहाजा उन सभी को अपराध से मुक्त किया जाता है." भारतीय दंड संहिता की धारा 436 घर आदि को अग्नि या विस्फोटक पदार्थ से नष्ट करने से संबंधित है.


जज ने कहा कि इस मामले में धारा 436 लागू नहीं होती है. साथ ही मामले को वापस संबंधित मजिस्ट्रेट अदालत को स्थानांतरित कर दिया.  अदालत ने कहा कि दंगाइयों की ओर से नर्सिंग होम को जलाने की कोई तस्वीर पेश नहीं की गई और इसके बजाय रिकॉर्ड पर एक जली हुई एंबुलेंस की तस्वीर लाई गई थी. अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता और उसके दो कर्मचारियों ने सामान्य भाषा का इस्तेमाल यह स्थापित करने के लिए किया कि 24 फरवरी 2020 को दंगों के दौरान दंगाई भीड़ ने नर्सिंग होम को जला दिया था.


पुलिस ने इन लोगों पर दर्ज किया था केस


दिल्ली की अदालत ने कहा, "अगर ऐसा होता तो इस संपत्ति का फोटो भी उसी तरह दिखाया जा सकता था, जैसे जली हुई एंबुलेंस के मामले में दिखाया गया था. शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर भजनपुरा पुलिस ने अब्दुल सत्तार, मोहम्मद खालिद, हुसैन, तनवीर अली और आरिफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी."


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