Delhi Riots 2020 News: राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने शुक्रवार (दो अगस्त 2020) को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगों के दौरान हुई आगजनी, दंगा और चोरी व अन्य हिंसक घटनाओं के मामले में लंबी सुनवाई के बाद आरोपित छह लोगों को बरी कर दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला उनके खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे.
दिल्ली पुलिस की ओर से लगाए आरोपों के अनुसार हिंसा के मामले में आरोपी सभी छह आरोपी 25 फरवरी 2020 को शिव विहार में एक घर में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम देने में शामिल थे. पुलिस ने बाद में एक क्लीनिक में आग लगाने की शिकायत को भी इस मामले के साथ जोड़ दिया था.
गवाह नहीं पेश कर पाई पुलिस
दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ सबूत के तौर पर डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) पेश किया था. अदालत ने कहा, ‘‘हालांकि, वीडियो में दिखाई दे रहे लोगों में से किसी भी आरोपी की पहचान करने के लिए कोई गवाह नहीं है.’’
अदालत ने कहा कि इस मामले में जांच अधिकारी (आईओ) ने वैज्ञानिक जांच के जरिए या आरोपियों की नमूना तस्वीर के साथ वीडियो का विश्लेषण करके किसी भी आरोपी की मौजूदगी साबित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. अदालत ने कहा, ‘‘इस प्रकार, यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि आरोपी उन वीडियो में दिखाई दे रहे हैं..’’ उसने कहा कि न तो कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से आरोपी के सटीक स्थान का पता चला और न ही घटना में आरोपियों की संलिप्तता का पता चला पाया है.
सबूतों के अभाव में किया बरी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं. इस मामले में उपरोक्त लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं.’’ अदालत ने हाशिम अली, अबू बकर, मोहम्मद अजीज, राशिद अली, नजमुद्दीन और मोहम्मद दानिश को बरी कर दिया. करावल नगर थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. दिल्ली हिंसा मामले में छह आरोपियों को अदालत ने बरी किया.