Delhi Riots: खालिद सैफी को राहत देने से दिल्ली HC का इनकार, जज ने क्या कहा?
Delhi Riots 2020: दिल्ली के जगतपुरी थाने में दर्ज एफआईआर में खालिद सैफी और पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां पर उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगा के दौरान एक हत्या में शामिल होने का आरोप है.
Delhi Riots News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार (5 नवंबर) को ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के संस्थापक खालिद सैफी की याचिका खारिज कर दी. दरअसल, खालिद सैफी पर फरवरी 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली के कुछ हिस्सों में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान हत्या के एक मामले में शामिल होने के आरोप लगे थे. इस आरोप के खिलाफ उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में एक रिट दायर कर उसे खत्म करने की मांग की थी.
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के बाद राहत देने से इनकार कर दिया. जस्टिस ओरी ने अपने फैसले में कहा, ‘‘याचिका खारिज की जाती है.’’
क्या है पूरा मामला?
चार साल पहले एनआरसी और सीएए समर्थकों और इसके खिलाफ प्रदर्शन बेकाबू होने के बाद 24 फरवरी, 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था. इस दंगे में कम से कम 53 लोग मारे गए और लगभग 700 अन्य घायल हुए थे.
जगतपुरी थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 26 फरवरी 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली के खुरेजी खास इलाके में मस्जिदवाली गली में भीड़ एकत्र हुई थी. प्राथमिकी में कहा गया है कि भीड़ ने वहां से हटने के पुलिस के आदेश को मानने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, भीड़ ने पथराव किया और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया.
साथ ही किसी व्यक्ति ने हेड कांस्टेबल योगराज पर गोली भी चलाई. अभियोजन पक्ष के अनुसार खालिद सैफी और पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां ने गैरकानूनी रूप से एकत्र हुए लोगों को ऐसा करने के लिए उकसाया था.
इस मामले में निचली अदालत ने जनवरी में खालिद सैफी और इशरत जहां और 11 अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा और गैरकानूनी रूप से एकत्र होने से संबंधित आरोप तय करने का आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस ने अप्रैल में औपचारिक रूप से आरोप तय किए.
हालांकि, इस मामले में आरोपी सभी 13 लोगों को आपराधिक साजिश, लोगों को भड़काने और साझा मंशा के साथ किए गए अपराधों और शस्त्र अधिनियम के तहत आरोपों से मुक्त कर दिया था.
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