Delhi Riots 2020 News: दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दंगों के कथित षड़यंत्र से संबंधित यूएपीए मामले में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर को मानवीय आधार पर 10 दिन के लिए अंतरिम जमानत दी. अदालत ने इस शर्त के साथ हैदर को जमानत दी है कि वह मीडिया और सोशल मीडिया पर कोई बात नहीं करेंगे और न ही आम लोगों से मिलेंगे.


अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेई ने चार सप्ताह की अंतरिम जमानत के लिए हैदर की याचिका पर सुनवाई के बाद अंतरिम जमानत देने फैसला सुनाया. अदालत ने मानवीय आधार पर दायर याचिका पर गौर किया और कहा कि उनकी बहन के साथ रहने के लिए परिवार का कोई पुरुष सदस्य नहीं है, जिनके समय से पहले जन्मे बच्चे की मृत्यु हो गई थी. 


2020 से हैं हिरासत में  


अदालत ने इस दलील पर भी गौर किया कि हैदर एक अप्रैल 2020 से हिरासत में हैं और उन्होंने अंतरिम जमानत नहीं मांगी है. अदालत ने शनिवार को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष के जवाब के अनुसार, हैदर ने जिन तथ्यों का उल्लेख किया है उन्हें सत्यापित किया जा चुका है.


दिल्ली पुलिस के अनुसार मीरान हैदर जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) का एक प्रमुख सदस्य था, जिसने उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगा भड़कने से पहले फरवरी में विभिन्न स्थानों पर सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट स्टडीज में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर हैं. राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता भी है.


बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा 2020 में 53 लोगों की जान चली गई थी. चार दिनों तक चले दंगों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था. दंगे के दौरान कई लोगों के घरों और दुकानों में आग लगा दी गई थी. दिल्ली पुलिस के आंकड़े के मुताबिक मरने वालों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू शामिल थे. 


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