Delhi News:  दिल्ली की एक अदालत ने बार-बार दिये गए निर्देशों के बावजूद एक फरार आरोपी को भगोड़ा घोषित करने को लेकर औपचारिक रिपोर्ट नहीं सौंपने के लिए एक पुलिस अधिकारी को फटकार लगाई और मामले को शहर के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के पास भेज दिया. अदालत 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी. अदालत ने पुलिस आयुक्त से जांच अधिकारी (आईओ) को संवेदनशील बनाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा जो यह बहाना बनाकर अदालत को बेवकूफ बना रहे थे कि उनका तबादला कर दिया गया है. 


अब 29 अगस्त को होगी मामले की सुनवाई
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला, इकबाल और 22 अन्य के खिलाफ खजूरी खास पुलिस थाने द्वारा दर्ज मामले की सुनवाई कर रहे थे. न्यायाधीश ने बुधवार को कहा कि अदालत ने बार-बार आईओ को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 (फरार व्यक्ति को भगोड़ा घोषित करने) के तहत प्रक्रिया के संबंध में औपचारिक रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया था. निर्देशों का पालन करने को लेकर आईओ की विफलता पर ध्यान देते हुए न्यायाधीश प्रमाचला ने कहा कि मामला अब पुलिस आयुक्त को भेजा गया है ताकि आईओ को संवेदनशील बनाने और समझाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा सकें. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 29 अगस्त तय की है. 


मामले में 23 लोग है आरोपी
दिल्ली के खजूरी खास इलाके में फरवरी 2020 के इस मामले में 23 लोग आरोपित हैं. जिसमें से आरोपित मोहम्मद इरफान फरार है. उसे भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया के संबंध में कोर्ट ने जांच अधिकारी को औपचारिक रिपोर्ट रिकार्ड पर रखने का निर्देश दिया था. लेकिन फरार आरोपी के खिलाफ जारी उद्घोषणा के बारे में औपचारिक रिपोर्ट जमा नहीं की गई जिसको लेकर कोर्ट ने पुलिस अधिकारी को फटकार लगाई और अब मामले को पुलिस आयुक्त को भेजा गया है.


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