Delhi News: तीन साल पहले दिल्ली में एनआरसी और सीएए के मसले पर दंगा (Delhi riots) हुआ था. दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़े हत्या के एक मामले में कट्टर हिंदू एकता व्हाट्सएप ग्रुप के एक कथित सदस्य को सोमवार को जमानत (Bail) दे दी. अपने फैसले में अदालत (Delhi court) ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पुलिस को केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिले हैं. इसकी विश्वसनीयता का आकलन मुकदमे के अंतिम चरण में किया जाएगा. 


दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला आरोपी लोकेश सोलंकी की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अपने फैसले में इस बात का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि लोकेश के खिलाफ गोकलपुरी थाना पुलिस ने हत्या और दंगे समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सरकारी वकील की दलीलों पर गौर किया, जिसके मुताबिक सोलंकी व्हाट्सएप पर कट्टर हिंदू एकता ग्रुप का सदस्य था और 26 फरवरी, 2020 को उसने एक विशेष समुदाय के दो सदस्यों की हत्या के संबंध में ग्रुप में एक संदेश भेजा था.


दिल्ली पुलिस ने दर्ज की थी 751 FIR


बता दें कि तीन साल पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ महीनों तक चले प्रदर्शन का अंत दंगों के रूप में हुआ था. 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 तक चले दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 751 एफआईआर दर्ज की थी. दिल्ली दंगा के एक मामले में कट्टर हिंदू एकता व्हाट्सएप ग्रुप के लोकेश सोलंकी को एक मामले में दिल्ली पुलिस ने हत्या का आरोपी बनाया था. उस मामले में दिल्ली पुलिस अभी तक पुख्ता सबूत अदालत के सामने पेश नहीं कर पाई. अब उसी मामले में दिल्ली की सत्र अदालत ने आरोपी को जमानत दी है. 


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