Delhi Riots: साल 2020 में दिल्ली में हुई दंगे के दौरान एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी. वो तस्वीर शाहरुख पठान (Shahrukh Pathan) नाम के शख्स की थी जिसने एक पुलिस कॉन्सटेबल पर पिस्तौल तान दी थी. अब गुरुवार को उस शख्स ने कोर्ट में कहा कि उसका उद्देश्य पुलिसकर्मी की जान लेना नहीं था बल्कि उसने डराने के लिए ऐसा किया था. दीपक दहिया नाम के कॉन्सटेबल पर शाहरुख ने पिस्तौल तान दी थी. उसे 3 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वो तिहाड़ जेल में बंद है.
यह दिखाने के लिए कि पुलिस वाले की हत्या का कोई प्रयास नहीं किया गया था, शाहरुख पठान के वकील मेनका गुरुस्वामी ने अदालत में घटना का 26 सेकंड लंबा वीडियो चलाया और कहा कि आरोपी ने दो गोलियां चलाईं. जिसके बाद उसने दीपक दहिया से तीखी नोकझोंक की और वापस लौट आया.
इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने वकील को दोबारा वीडियो चलाने को कहा और हवा में गोली चलाए जाने से ठीक पहले पठान की पिस्तौल की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया. न्यायाधीश ने कहा, ' बंदूक (पिस्तौल) की स्थिति को देखें. इसका निशाना सीधा है (दीपक दहिया पर). जब वह निशाना साध रहा है, तो बंदूक सीधी है.' हालांकि, बचाव पक्ष की वकील ने स्पष्टीकरण दिया कि दोनों बार चलायी गई गोली का निशाना हेड कांस्टेबल नहीं थे. उन्होंने कहा, ' राज्य का मामला दहिया पर आधारित है. वह संभावित पीड़ित हैं और उन पर गोली नहीं चलायी गई. पहली गोली हवा में और दूसरी गोली दायीं ओर चलायी गई.'
वहीं, पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अनुज हांडा ने कहा कि आरोपी ने साफ तौर पर पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानी थी. बचाव पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए हांडा ने कहा, ' बंदूक (पिस्तौल) को शिकायकर्ता के सिर से थोड़ा नीचे ताना गया. कई गोलियां चलाने के कारण पीछे हटने की वजह से उसका हाथ ऊपर की ओर जा रहा है.'
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