Delhi Police Car Accident: दिल्ली में अक्सर ही रफ्तार के कहर की घटनाएं सामने आती रहती हैं. इस पर नियंत्रण के लिए दिल्ली पुलिस सख्ती भी बरतती है. साथ ही लोगों को नियंत्रित रफ्तार में गाड़ी चलाने की सीख भी देती रहती है. इस बीच अब दिल्ली पुलिस की गाड़ी की ही रफ्तार का कहर भीकाजी कामा प्लेस मेट्रो स्टेशन के पास देखने को मिला, जिसमें न केवल सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ बल्कि एक बुजुर्ग की जान भी चली गई.


जिस तेज रफ्तार स्कॉर्पियो गाड़ी की चपेट में आकर बुजुर्ग की मौत हो गई, वह राजेंद्र नगर थाना के एसएचओ की बताई जा रही है. गाड़ी की रफ्तार इतनी तेज थी कि उसने पहले मेट्रो स्टेशन के ग्रिल को तोड़ा और फिर मेट्रो स्टेशन के गेट के खंभे को तोड़ते हुए 58 साल के बुजुर्ग बैजनाथ को जबरदस्त टक्कर मार दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. स्कॉर्पियो की हालत देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि गाड़ी कितनी तेज रफ्तार में रही होगी.


'गाड़ी में नहीं थे एसएचओ'


डीसीपी साउथ अंकित चौहान के मुताबिक आज तड़के सवा तीन बजे के आसपास भीकाजी कामा प्लेस मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 2 के पास एक्सीडेंट की सूचना मिली थी. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि बुजुर्ग की मौत हो चुकी है. उनके शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सफदरजंग अस्पताल भेज दिया. उन्होंने बताया कि एक्सीडेंट राजेंद्र नगर के एसएचओ की गाड़ी से हुआ था, लेकिन उस वक्त वह गाड़ी में नहीं थे. उनकी गाड़ी को राजेंद्र नगर थाने में पदस्थापित कॉन्स्टेबल प्रदीप चला रहे थे. हालांकि, तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है. उस दौरान कॉन्स्टेबल नशे में था या नहीं अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.


मृतक की बेटी ने क्या कहा?


वहीं, इस मामले में अब तक की गई पुलिस की जांच से मृतक की बेटी शिवानी गुप्ता, जो की एक नेशनल रेसलर हैं, वह संतृष्ट नजर नहीं आ रही हैं. इस मामले में पुलिस के रवैये और जांच पर उन्होंने सवालिया निशान लगाया है. उनका आरोप है कि घटना के कई घंटे बाद भी दिल्ली पुलिस ने उन्हें घटना की सही जानकारी नहीं दी. वहीं, रात की घटना के बावजूद दूसरे दिन दोपहर तक दिल्ली पुलिस ने उसे मृतक पिता का चेहरा तक देखने नहीं दिया. पुलिस उन्हें बस इधर से उधर घुमा रहा रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस इस घटना में आरोपी पुलिसकर्मी को बचाने की कोशिश कर रही है.


शिवानी का कहना है कि स्कॉर्पियो की स्थिति देखकर यह साफ पता चलता है कि पुलिस की गाड़ी काफी रफ्तार में थी. इस पूरी घटना की सच्चाई मेट्रो स्टेशन पर जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद है. इससे इस घटना का दोषी कौन है, उसका खुलासा हो जाएगा. उनकी मांग है कि इस पूरे घटना की निष्पक्ष जांच की जाए. सभी सीसीटीवी कैमरा को खंगाला जाए, जिससे पता लग सके की दोषी पुलिसकर्मी वास्तविकता में कौन है और फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.


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