पांच नाबालिग छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने वाला लैब सहायक दोषी करार, अदालत ने की तल्ख टिप्पणी
Delhi Court News: अदालत ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों में केवल एक पीड़िता की गवाही काफी है. एक पीड़िता की गवाही आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त है.
Delhi News: दिल्ली की रोहिणी अदालत ने स्कूल में काम करने वाले लैब असिस्टेंट को पांच नाबालिग छात्राओं के यौन उत्पीड़न मामले का दोषी माना है. आरोपी शिक्षक ने 2015 में सातवीं कक्षा की छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार किया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सेहरावत ने फैसला सुनाया कि महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों में केवल एक पीड़िता की गवाही ही दोष सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है. इस मामले में पांचों पीड़िताओं ने आरोपी के खिलाफ गवाही दी. उनके बयान आपस में मेल खाते हैं और पूरी तरह विश्वसनीय है.
न्यायाधीश ने कहा कि सभी पांचों पीड़िताओं ने घटना के बारे में एक जैसे बयान दिए है. कुछ मामूली तथ्यों का अलग-अलग उल्लेख किया गया है. लेकिन इसे असंगति नहीं माना जा सकता क्योंकि ये सभी बच्चे 12 वर्ष से कम उम्र की हैं. उनकी उम्र को देखते हुए अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि हर बयान एक जैसा हो. सरकारी वकील संदीप कौर ने अदालत को बताया कि आरोपी के मोबाइल फोन से बरामद एक वीडियो में स्कूल की छात्राएं क्लास में डांस करती हुई दिख रही थीं.
स्कूल टीचर यौन उत्पीड़न का पाया गया दोषी
वीडियो आरोपी की नीयत और टीचर के रूप में पद के दुरुपयोग को दर्शाता है. यौन उत्पीड़न मामले का खुलासा अप्रैल 2015 में हुआ था. छात्राओं ने स्कूल प्रशासन से लैब असिस्टेंट के खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने अश्लील टिप्पणी, गलत तरीके से छुने और धमकाने का आरोप लगाया था. आरोपी शिक्षक ने क्लास में डांस के वीडियो भी रिकॉर्ड किए. सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि आरोपी की मंशा घिनौनी थी.
अदालत ने कहा, "किसी पुरुष की यौन मंशा का अंदाजा टिप्पणियों और महिलाओं के शारीरिक अंगों पर की गई अशोभनीय हरकतों से लगाया जा सकता है." अमित सेहरावत की अदालत ने आरोपी को पॉक्सो समेत विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया.
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